52 दिन में ही भोपाल गैंगरेप मामले के चारों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई

भोपाल, राजधानी भोपाल की फास्टट्रेक अदालत ने इसी साल 31 अक्टूबर को राजधानी के हबीबगंज क्षेत्र में कॉलेज छात्र के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में सभी चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश सविता दुबे ने घटना के 52 दिन बाद यह फैसला सुनाया है। इस मामले में गोलू बिहारी, अमर छोटू, रमेश और राजेश अभियुक्त थे,इन सभी को दोषी करार दिया गया है।

28 लोगों की हुई गवाही,फोरेंसिक, डीएनए रिपोर्ट रही महत्वपूर्ण
आरोपियों को प्राकृतिक मौत तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया गया है। गौरतलब है कि राजधानी जीआरपी पुलिस ने बीते 17 नवम्बर को इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। 21 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक कोर्ट में केस का ट्रायल चला। पीड़िता की तरफ से एडवोकेट रीना वर्मा ने पैरवी की है। जबकि केस की डिफेंस लॉयर इंदू अवस्थी हैं।
एडवोकेट रीना वर्मा ने बताया कि भोपाल गैंगरेप मामले में आरोपी रमेश उर्फ राजू मेहरा, गोलू उर्फ बिहारी, अमर उर्फ गुल्टू और राजेश उर्फ चेतराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 342, 376डी(2), 376एम, 376एन आईपीसी के तहत दर्ज किया गया था। एडवोकेट वर्मा ने आगे बताया कि यह देश का पहला रेप का मामला है जिसमें किसी कोर्ट ने 36 दिनों के अंदर आरोपियों को सजा सुनाई है। उन्होंने आगे कहा कि मामले में एक दिन में तीन से चार गवाहों के बयान दर्ज कराए गए थे। प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर इस केस पर जल्द सुनवाई संभव हो सकी है।
गैंगरेप कांड के फैसले वालेआज शनिवार को इस केस के सभी आरोपियों को सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचाया गया । इन्हें कोर्ट की बैरक रखा गया । मामले की गंभीरता और आरोपियों पर लगाई गई धाराओं को देखते हुए सरकारी वकील रीना वर्मा और पीएन सिंह ने कोर्ट से उम्रकैद की अपील की थी। गौरतलब है कि सनसनीखेज कांड में आरोपियों ने 31 अक्टूबर की शाम को विदिशा निवासी छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे ट्रैक के पास पुलिया के नीचे गैंगरेप और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था।इस मामले में करीब 28 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं।
पुलिस ने 11 घंटे सीमा विवाद में उलझा रखा था
31 अक्टूबर की रात विक्टिम ने हबीबगंज आरपीएफ ऑफिस पहुंचकर एक अनजान नंबर से पिता को फोन किया था। ऑफिस में एक कोने में सहमी सी खड़ी बेटी की हालत देख पिता उसे घर ले आए थे।लड़खड़ाते शब्दों में विक्टिम ने पिता को घटना के बारे में बताया। बेटी को दिलासा दिया और 1 नवंबर को सुबह 9.30 बजे पत्नी और बेटी के साथ एमपी नगर पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। ड्यूटी पर तैनात एसआई आरएम टेकाम पूरी बात सुने बिना ही विक्टिम और परिजनों को हबीबगंज थाने भेज दिया था विक्टिम की बात सुनते ही हबीबगंज टीआई उनके साथ दोपहर करीब 11.30 बजे घटनास्थल पर गए थे। उन्होंने घटनास्थल से ही जीआरपी हबीबगंज को फोन किया, लेकिन वहां से कोई भी स्टाफ मौके पर नहीं गया। हबीबगंज टीआई के कहने पर रात 8.30 बजे जीआरपी हबीबगंज ने मामला दर्ज किया।
सामूहिक दुष्कर्म जैसे जघन्य प्रकरण में
सीमा विवाद के चलते कोई भी रिपोर्ट लिखने को तैयार नहीं था। इसी बीच पीडिता ने माता-पिता से बात की और वे तीनों ही आरोपियों को ढूंढने निकल गए। इस बीच पीडिता ने दो आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों आरोपियों ने जुर्म कबूल किया और फरार आरोपियों के नाम भी बता दिए।
गैंगरेप मामले में गोलू उर्फ बिहारी (25), अमर उर्फ गुल्टू (25), राजेश उर्फ चेतराम (50) और चौथा आरोपी रमेश उर्फ राजू है।
रिपोर्ट में देरी को लेकर इन लोगों पर हुई थी कार्रवाई
रिपोर्ट दर्ज करने में हुई देरी को एसपी रेल अनिता मालवीय ट्रांसफर किया था। इनके साथ ही टीआई रवींद्र यादव (हबीबगंज), संजय सिंह बैस (एमपी नगर), मोहित सक्सेना (जीआरपी थाना) और दो एसआई को सस्पेंड किया गया है। वहीं, सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को हटाकर पीएचक्यू अटैच किया है। इसके बाद
गैंगरेप मामले को लेकर शिवराज सिंह ने डीजीपी समेत आला पुलिस अफसरों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी। सीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ऐसे मामलों में पुलिस को फौरन एक्शन लेना चाहिए था। उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करने में 24 घंटे क्यों लगे इसका जवाब भी मांगा था।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घटना निंदनीय बताया था। उन्होंने केस को चिह्नित अपराधों की श्रेणी में रखकर फास्ट ट्रैक कोर्ट को इसकी जांच सौंपी थी। वहीं शनिवार को आये फैसले के दौरान पीड़ि‍ता की मां और रेलवे पुलिस एसपी सहित अन्य लोग वहां मौजूद थे। इतने तेजी के साथ आए फैसले से पीड़ि‍त पक्ष ने खुशी जताई है। मामले की सुनवाई 36 दिनों तक चली। इस दौरान 28 गवाहों के पूरे मामले में बयान हुए। 15 नवंबर को 200 पेश का चालान कोर्ट में पेश किया गया, जिसमें 60 दस्तावेजों को भी शामिल किया गया। कोर्ट में सबूत के तौर पर फॉरेंसिक रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट, पीड़ि‍ता के बयान, कपड़े और इसके साथ ही कपड़ों पर लगी मिट्टी और घटनास्थल पर लगी मिट्टी के सैंपल भी पेश किए गए। सबूत में पेश की गई डीएनए रिपोर्ट में चारों आरोपियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने की बात सामने आई है।

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