बेटियों को शिक्षा के जितने अधिक अवसर देंगे, देश उतनी तेजी से करेगा विकास- राष्ट्रपति

लखनऊ, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा है कि हम अपनी बेटियों के लिए शिक्षा के जितने अधिक अवसर उपलब्ध कराएंगे, देश उतनी ही तेजी से विकास करेगा। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश विश्व में अग्रिम पंक्ति के देशों में गिना जा रहा है लेकिन कई सामाजिक और आर्थिक पैमानों पर आगे बढ़ते हुए विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में भी हमें अपने देश को बहुत आगे ले जाना है। जब देश विकसित होगा तो प्रत्येक व्यक्ति को भी विकास के बेहतर अवसर मिलेंगे।
राष्ट्रपति कोविन्द शुक्रवार को यहां बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों की समानता के पक्षधर थे। इस विश्वविद्यालय में केवल 13 वर्ष की उम्र में पीएचडी कर रही सुषमा वर्मा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पाने वाली नीलू शर्मा के रूप में दो नए उदाहरण मेरी असाधारण बेटियों की सूची में जुड़ गए हैं। उन्होंने छात्र छात्राओं से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आपके सामने दो विकल्प हैं। आप नौकरी कर सकते हैं और अगर आप चाहें तो स्वतंत्र रूप से अपना काम भी शुरू कर सकते हैं। यदि आप अपना खुद का काम करते हैं तो आप सफलता की ऐसी ऊंचाइयां छू सकते हैं जिसे अंग्रेजी में कहते हैं, ‘स्काई इज द लिमिट’। उन्होंने व्हाटसऐप के सह-संस्थापक ब्रायन ऐक्टन का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐक्टन को फेसबुक और टिवटर दोनों ही कंपनियों ने नौकरी नहीं दी थी। नौकरी न मिलने पर वह हतोत्साहित नहीं हुए। उन्होंने अपनी कंपनी बनाई। उनकी इस कंपनी व्हाटसऐप को इतनी अधिक सफलता मिली कि फेसबुक ने उस कंपनी को हासिल करने के लिए 19 बिलियन डालर यानी लगभग एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये ऐक्टन को दिये। इस मौके पर राष्ट्रपति ने मेधावी छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।

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