नई दिल्ली,मोदी सरकार की ओर से घाटी में शांति लाने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी योजना के तहत इसके लिए सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किया। लेकिन इसके उल्टे जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात करने पर हुर्रियत नेता अब्दुल गनी भट को अपनी ही पार्टी मुस्लिम कॉन्फ्रेंस से सस्पेंड कर दिया गया है। भट मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता हैं और 1988 से ही पार्टी से जुड़े हुए थे। भट की जगह अब सुल्तान मगरे को 6 माह के लिए पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
मामले में मुस्लिम कॉफ्रेंस की ओर से कहा गया कि पार्टी ने सोमवार को अंदरुनी विवाद से निपटने के लिए एक बैठक बुलाई थी। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक़ के नाम पर लिखे गए पत्र में दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात को भट के निलंबन की वजह बताया गया है। हालांकि भट ने अपनी पार्टी से अपने ही निलंबन की खबरों से इनकार किया है। मीडिया से बातचीत में अब्दुल गनी भट ने कहा कि वो अभी भी पार्टी के प्रमुख हैं और आखिरी सांस तक पार्टी में रहने वाले है। उन्होंने ये भी बताया कि मगरे समेत 2 लोगों ने शुक्रवार को उनसे मुलाकात कर फैसले के बारे में जानकारी दी थी।
पिछले सप्ताह दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात करने वाले भट ने कहा कि वो निजी स्तर पर शर्मा से मिले थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी के दो आम सदस्य उन्हें मुस्लिम कॉफ्रेंस से बाहर नहीं कर सकते। भट ने तंज करते हुए यह भी कहा कि शौकिया घोड़ों से रेस नहीं जीती जाती। बता दें बीते 23 अक्टूबर को केंद्र ने दिनेश्वर शर्मा के कश्मीर में वार्ताकार नियुक्त किया है। वह कश्मीर में शांति की बहाली के लिए सभी पक्षों से मुलाकात कर रहे हैं। इसके साथ में घाटी के युवाओं और सिविल सोसायटी से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिशों में लगे हैं।