छिंदवाड़ा,अब अगर जिले का कोई भी शिक्षक अपने काम में लापरवाही बरतेगा तो वह तुरंत पकड़ा जाएगा। शिक्षक के इस कृत्य की चुगली एक एप करेगा। प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला एप है जो कलेक्टर जेके जैन ने बनवाया है। एप का नाम जीपीएस अटेंडेंस मानीटरिंग सिस्टम है। एप की खास बात ये है कि य सैटेलाईट से जुड़ा हुआ है और बिना इंटरनेट के कार्य करता है। आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा बनाए गए इस एप से न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की अच्छी मानीटरिंग हो सकेगी बल्कि उसमें सुधार भी होगा। कलेक्टर श्री जैन ने बताया कि अब तक जिस भी एप के माध्यम से मानीटरिंग की जाती थी उसके लिए शिक्षकों के पास एंड्रायड मोबाईल होना आवश्यक था। अब ऐसा नहीं होगा। यदि स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक के पास मोबाईल है तो भी सभी शिक्षकों, छात्रों और मध्यान्ह भोजन की जानकारी प्रशासन को मिल जाएगी। इस नए एप के माध्यम से शिक्षकों की रोजाना अटेंडेंस फोटो के साथ दर्ज की जा सकेगी। इसमें शिक्षक फेक फोटो नहीं डाल सकेंगे क्योंकि जिस स्थान से फोटो खींची जाएगी उसकी पूरी डीटेल अक्षंास और देशांतर के साथ एप बता देगा। एप में सभी स्कूल की लोकेशन पहले ही फीड है।
:: यह भी होगा फायदा
शिक्ष्कों की अटेंडेंस, मध्यान्ह भोजन की जानकारी के साथ शिक्षक इस एप के माध्यम से अवकाश के लिए आवेदन भी भेज सकेंगे। इसके लिए एप में बकायदा एक फार्मेट दिया हुआ है जिसमें शिक्षक की पूरी जानकारी के साथ अवकाश कब से कब तक, किस कारण से आदि जानकारी भरकर अवकाश ले सकेंगे। गणवेश वितरण पर भी एप पूरी नजर रखेगा। किस छात्र-छात्रा को गणवेश किस कारण से नहीं मिला, देर से क्यों मिला है आदि जानकारी भी जिम्मेदारों तक एप पहुंचाएगा। वर्ष में कई बार अधिकारी शालाओं का निरीक्षण करने जाते हैं। इस एप के माध्यम से वे फोटोग्राफी के साथ वीडियो रिकार्ड कर भी मातहतों को पूरी स्थिति से अवगत करा सकते हैं।
:: कलेक्टर की सोच का नतीजा
यह एप कलेक्टर जेके जैन की सोच का नतीजा है जिसे आईआईटी कानपुर के छात्रों ने छिंदवाड़ा के सोनी कम्प्यूटर सेंटर संचालक मनोज सोनी के साथ मिलकर मूर्तरूप दिया है। कलेक्टर श्री जैन के अनुसार इससे शासन का बड़ा खर्च बचेगा। महज पचास रुपए खर्च में लाईफटाईम इस एप से काम किया जा सकेगा।
छिंदवाड़ा में बना प्रदेश का पहला ऐसा एप, शिक्षकों ने दिया ‘गच्चा’ तो कर देगा ‘चुगली’
