धनतेरस के साथ आज से पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत,46 साल बाद बना कलानिधि योग

नईदिल्ली,देशभर में आज से सुख-समृद्धि और वैभव के पांच दिनी पर्व दीपावली की शुरुआत हो रही है। मंगलवार को धनतेरस के अवसर पर 46 साल बाद कलानिधि योग बना है।
आज क्या करें
ऐसे बना कला निधि योग
तीन योग एक साथ आने पर कला निधि योग बनता है।
5 दिनी पर्व ऐसा होगा
17 अक्टूबर, धनतेरस : भगवान धनवंतरी संग लक्ष्मी-कुबेर की पूजा करें। बाजारों से खरीदी लाभप्रद रहेगी। अकाल मृत्यु के भय से निजात के लिए यमराज को दीपदान करें।
18 अक्टूबर, नरक चतुर्दशी: भगवान कृष्ण का पूजन कर रूप लावण्य की कामना करें। तेल-तिल के उबटन लगाकर स्नान कर सौंदर्य को निखारें। यह छोटी दीवाली कहलाती है।
19 अक्टूबर, दीपावली : सुख-समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती और कुबेर की पूजा करें, इस दिन मां लक्ष्मी धरती की परिक्रमा करती है।
20 अक्टूबर, गोवर्धन पूजा: गोवर्धन पूजा की जाती है, इस दिन मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। गाय के बैलों को रंग लगाकर उनकी साज-सज्जा करें।
21 अक्टूबर, भाई दूज: भाई-बहन के स्नेह का पर्व। बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलककर उसके अच्छे भविष्य की कामना करें। कायस्थ समाज भगवान चित्रगुप्त का पूजन करें।
खरीदारी के श्रेष्ठ मुहूर्त
शुभ: सुबह 10.35 से 12.09 बजे तक।
लाभ: सुबह 10.44 से दोपहर 12.09 और शाम 7.27 से 9.01 बजे तक।
अमृत : दोपहर 12.10 से 1.35 और रात 12.10 से 1.43 बजे तक।
चर : सुबह 9.17 से 10.43 बजे तक।
लक्षमी-कुबेर पूजन व दीपदान
प्रदोष वेला : शाम 5.53 से रात 7.59 बजे तक।

 

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