गुवाहाटी,देश के सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी के गोरखपुर और फर्रुखाबाद के सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत के बाद अब असम के बरपेटा स्थित सरकारी अस्पताल फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में पिछले 22 घंटों में सात बच्चों की जान चली गई।
इस घटना ने खतरे की घंटी बजाते हुए असम सरकार के उन दावों की पोल खोल दी है, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में बच्चों की मौत का आंकड़ा कम हुआ है। बुधवार को 7.20 शाम से लेकर रात 11 बजे रात तक पांच बच्चों की जान चली गई थी। गुरुवार को दो और बच्चों ने दम तोड़ दिया। इन बच्चों की उम्र दो से चार साल थी। चार अन्य बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिश्वा सरमा का कहना है कि इन मौतों की वजह समय से पहले जन्म और बच्चों का कम वजन होना है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में गर्भधारण भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में इन बच्चों की देखभाल में कोई कोताही नहीं बरती गई। जन्म के बाद से ही बच्चे बेहद कमजोर थे और डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की।’ सरमा ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि हर महीने इस अस्पताल में औसतन 60 बच्चों की मौत हो जाती है। इसका मतलब है कि यहां हर दिन दो बच्चों की जान जाती है।
असम के सरकारी अस्पताल में चौबीस घंटों में सात बच्चों की मौत
