शरद यादव की चुप्पी टूटी,नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने से खुश नहीं

नई दिल्दी, बिहार में जदयू के महागठबंधन से अलग होने और भाजपा के साथ जाने के फैसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि वह नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने से खुश नहीं हैं। इस बीच अनुमान लगाए जा रहे थे कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व उन्हें मनाने में लगा है। दूसरी ओर, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि शरद यादव ने राजद से जुड़ने की हामी भरी है, लेकिन खुद शरद यादव ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी थी।
नीतीश कुमार के दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जदयू सांसद अली अनवर के बयान और कुछ और नेताओं की नाराजगी के बाद शरद यादव ने अपने निवास पर पार्टी नेताओं की बैठक में कहा जरूर नीतीश के भाजपा से जुड़ने के फैसले पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि नीतीश ने इस मसले पर किसी से बात नहीं की। शरद यादव ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय मांगा था। तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि शरद यादव नीतीश के फैसले के खिलाफ हैं और वे या तो किसी अन्य दल से जुड़ जाएंगे या फिर अलग पार्टी बनाएंगे।
शरद यादव ने रविवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट किया कि वह नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने से खुश नहीं है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “न विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य स्लोगन था और न पनामा पेपर्स मामले में जिनका नाम है उनमें कोई पकड़ा गया है।” हालांकि उन्होंने साफ-साफ कुछ नहीं कहा लेकिन उनके ट्वीट से साबित हो गया कि उनके भाजपा में जाने की संभावनाएं अब भी धूमिल ही हैं। हालांकि सूत्रों के अनुसार उन्हें मनाने के प्रयास अब भी जारी हैं। इस बीच लालू प्रसाद यादव ने दावा किया है कि शरद यादव राजद से जुड़ कर दक्षिणपंथी राजनीति के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़ने वाले हैं। वह किस ओर जाएंगे, फिलहाल यह तो स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन इतना तो लगभग तय है कि वह भाजपा से नहीं जुड़ेंगे।

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