आंतकी कैलेंडर से हो रहा था घाटी में प्रदर्शन,NIA शिकंजा कस रही

जम्मू ,घाटी में आंतकियों की मदद कर रहे अलगाववादी नेताओं पर न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद नापाक फंडिंग को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में एनआईए रविवार को फिर जम्मू में छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक 2 जगहों पर ये छापेमारी चल रही है। सूत्रों के मुताबिक जिन ठिकानों पर छापेमारी चल रही है वो देविंदर सिंह बहल नाम के शख्स से जुड़ी हुई हैं। देविंदर सिंह बहल अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का सहयोगी बताया जा रहा है।जनवरी, 2013 में देविंदर सिंह जम्मू-कश्मीर के एक और निवासी के साथ पाकिस्तान गया था। दोनों पर फॉरेन एक्ट 14 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।वहीं इससे पहले 3 जून की गई एनआईए की छापेमारी में सैयद अली शाह गिलानी के हस्ताक्षर किया हुआ हुर्रियत का कैलेंडर मिला है। अलगाववादी अल्ताफ शाह फंटूश के घर से हुर्रियत का कैलेंडर बरामद हुआ। इस कैलेंडर के अनुसार 4 अगस्त 2016 को कैलेंडर में सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन और लोगों को भड़काने की साजिश, 6 अगस्त 2016 को लोगों को लोकल चौक और अलग-अलग जगह पर इकट्ठा होने को कहा गया, धरना प्रदर्शन की अपील।वहीं 8 अगस्त 2016: श्रीनगर के तरफ जाने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करना और लोगों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकना और सभी को फोन कर कर के इस बात का दवा बनाना क्यों ऑफिस ना जाए,अगले दिन 9 अगस्त 2016 को औरतों से अपील कि वह असर से मगरिब तक प्रदर्शन में शामिल हो और जगह-जगह इस्लामिक और आजादी के गाने मस्जिदों से बजाये जाए। इसके आगे 10 अगस्त 2016 को जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबलों को लेटर दिया जाए और उसे कहा जाए कि वह यहां से वापस जाएं,11 अगस्त 2016 को सभी भारत समर्थित राजनेताओं और सरपंचों से यह कहा जाए कि वह अपने पदों से त्यागपत्र दे और अपने अपने दरवाजे पर अपने त्यागपत्र की कॉपी चिपकाएं, 12 अगस्त 2016 को आजादी के समर्थन में सभी इमाम को यह कहा गया कि मस्जिदों में लोगों को आजादी के लिए जागरूक करें और मस्जिद के दरवाजे पर आजादी के पोस्टर चिपका कर रखें। 13 अगस्त 2016 को काले झंडे लेकर के प्रदर्शन में शामिल हों, 14 अगस्त 2016 को इस दिन पाकिस्तान के लिए स्पेशल प्रयोग किए जाएं। नमाज की जाए और हर मस्जिद में पूरे दिन गाने बजाए जाएं, 15 अगस्त 2016 को जम्मू कश्मीर में ब्लैक डे मनाया जाए। काले झंडे लेकर राजदूत कार्यालय के सामने प्रदर्शन हो। अपने घरों के ऊपर भी काले झंडे रखें। दुकान मार्केट और हर चौराहे पर काले झंडे लगाए जाएं। 16 अगस्त को औरतें प्रदर्शन में शामिल हों और आजादी के मस्जिदों में तराने और गाने बजे।इसके बाद साफ हो जाता हैं कि बार्डर के उस पार बैठे आंतकी अलगाववादी नेताओं की मदद से हर दिन के हिसाब से घाटी में अंशाति फैलने का काम कर रहे है।सूत्रों की माने तो एनआईए आने वाले दिनों में अलगाववादी संगठन के बडे़ नेताओं को भी हिरासत में ले सकती है।एनआईए धीरे-धीरे अपनी जांच का दयारा बढ़ने का काम कर रही है।

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