ठाणे, कुमार दंपती के हाथ में जैसे ही उनका नवजात बच्चा आया, तो उनकी खुशी मायूसी में बदल गई। नवजात बच्चे के दाथों और पैरों में एक भी उंगली नहीं दिखाई दी तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर जितेंद्र कुमार ने बताया कि उनके बच्चे के हाथों और पैरों में उंगलियां ही नहीं है। जितेंद्र कुमार बार-बार यह सोच कर रो पड़ते हैं कि बड़ा हो कर वह अपनी दैनिक गतिविधियां कैसे संपन्न करेगा। चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे के हाथ और पैर में उंगलियां नहीं होना विरल घटना है। ऐसे बहुत कम मामले देखने में आते हैं। जितेंद्र का इस घटना को एक अलग ही नजरिए से देख रहे हैं। वह कहते हैं कि डॉक्टर को जांचों में यह बात क्यों पता नहीं चली कि बच्चे के हाथ पैरों में उंगलियां नहीं है। अगर डाक्टर शुरुआत में ही इस समस्या का पता लगा लेते तो इस बच्चे से छुटकारा पाया जा सकता था। जितेंद्र ने कहा कि मेरी आधी उम्र निकल चुकी है। ऐसे में इस बच्चे का जीवन कौन पार करेगा। तब क्या होगा जब मैं इसकी मदद के लिए नहीं होऊंगा। इससे तो अच्छा तो यही होता कि इसे गर्भपात से गिरा दिया जाता। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों का पता गर्भ के पांचवें माह में ही पता चल जाता है। अगर समय रहते इस समस्या का पता नहीं चला, तो इसे चिकित्सकों की ही लापरवाही कहा जाएगा। उन्होने कहा कि वे इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
नवजात बच्चे के हाथ-पैर में एक भी उंगली नहीं
