नई दिल्ली,बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से चर्चा की। राहुल गांधी के साथ नीतीश की ये बैठक 35 मिनट तक चली। इस दौरान कांग्रेस नेता सीपी जोशी भी मौजूद थे।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने राहुल गांधी को साफ कर कर दिया है कि गठबंधन का भविष्य तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर निर्भर है।
नीतीश कुमार बिहार सरकार में अपने सहयोगी लालू यादव के परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं। तनाव महागठबंधन को लेकर है। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। यादव इस सुझाव से नाखुश हैं। कांग्रेस इस मामले में तनाव खत्म करने के लिए मध्यस्थता करना चाहती है, लेकिन हवा का रुख ऐसा नहीं है।
नीतीश कुमार के मौजूदा रुख में अपने पुराने सहयोगी बीजेपी और मोदी से समीपता बढ़ती दिखाई दे रही है। पिछले साल मोदी ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया। उनके इस कदम का विपक्ष में सिर्फ नीतीश कुमार ने समर्थन किया। यदि नीतीश अपने मौजूदा सहयोगियों से नाता तोड़ते हैं तो बीजेपी की ओर से पहले ही बिहार सरकार को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की जा चुकी है।
नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा है कि रामनाथ कोविंद को उनका समर्थन केवल इस 71 वर्षीय नेता की साख के कारण है। कोविंद की निर्विवाद तटस्थता बिहार के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देखी गई है। अगले महीने होने वाले उप राष्ट्रपति के चुनाव में नीतीश की पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन देने का वादा किया है। बिहार में महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस भी एक सहयोगी है। दरअसल शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित डिनर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया था। उसी में हिस्सा लेने के लिए नीतीश कुमार दिल्ली आए थे।
विपक्ष से अलग होकर बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला करने वाले नीतीश कुमार राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी मौजूद रहेंगे।