लखनऊ, सूबे में आलू की बम्पर फसल के बाद भी आलू उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने पर अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को और रियायतों की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में घोषणा की कि आलू किसानों को मण्डी शुल्क और विकास सेस में छूट दी जायेगी। साथ ही उन्हें परिवहन अनुदान भी दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आलू किसानों की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने पहली बार समर्थन मूल्य घोषित किया था। साथ ही एक लाख मीट्रिक टन आलू की खरीद करने का भी ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि आलू की पैदावार इस बार बहुत अधिक हुई है। इस कारण थोक भाव में कमी आ गयी है। आलू की उत्पादन लागत और कोल्ड स्टोरेज का खर्च देखने के बाद सरकार ने प्रदेश के करीब छह लाख आलू किसानों को राहत देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इसके तहत राज्य की सीमा के अन्तर्गत 300 किमी. से अधिक की दूरी के आलू परिवहन होने पर वास्तविक रूप से व्यय किए गए परिवहन भाड़े पर परिवहन भाड़ा अनुदान प्रदान किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश से अन्य राज्यों में आलू भेजने पर वास्तविक रूप से व्यय किए गए परिवहन भाड़े पर भी परिवहन भाड़ा अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह अनुदान, 50 रुपए प्रति कुन्तल की दर से अथवा वास्तविक रूप से व्यय किए गए परिवहन भाड़े का 25 प्रतिशत जो भी कम हो, की दर से दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की सहायता के लिए विपणन किए गए आलू पर मण्डी शुल्क व विकास सेस पर भी छूट प्रदान की जाएगी, जो कि विपणन मूल्य का 2.5 प्रतिशत होगी। आलू किसानों को यह सहायता आलू की आगामी फसल बाजार में आने तक अर्थात 31 दिसम्बर, 2017 तक अनुमन्य होगी।