नई दिल्ली ,कांग्रेस की अगुवाई में मंगलवार को हुई गैर भाजपा गठबंधन दलों की बैठक में उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष की ओर से संयुक्त प्रत्याशी उतारने का निश्चय किया। बैठक में करीब 18 दलों ने भाग लिया। बैठक में महात्मा गाँधी के पोते गोपालकृष्ण गाँधी को बतौर विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया। गाँधी का नाम पहले भी विपक्षी उम्मीदवार के लिए राष्ट्रपति के लिए सामने आया था। लेकिन पहले एनडीए प्रत्याशी के नाम का एलान हो जाने तथा दलित चेहरा सामने आने के बाद विपक्ष ने मीराकुमार को प्रत्याशी बनाने का एलान किया।
गौरतलब है कि जदयू ने राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार को समर्थन नहीं दिया है। इसके मद्देनजर बैठक में उसका शामिल होना महत्वपूर्ण रहा। उपराष्ट्रपति पद के लिये नामंकण दाखिल करने की प्रक्रिया चार जुलाई से शुरू हो चुकी है और 18 जुलाई तक चलेगी। चुनाव पांच अगस्त को होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हो रही इस बैठक में जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, सपा, बसपा समेत 18 दलों के नुमाइंदे शामिल थे। राष्ट्रपति चुनाव में अलग राह अपनाने वाली जेडीयू भी इस बार विपक्ष के साझा उम्मीदवार के साथ खड़ी दिख रही हैं। शरद यादव बैठक में पहुंचे हैं। दरअसल इसके पीछे भी सियासी वजहें हैं कि महात्मा गांधी के सबसे छोटे पौत्र गोपाल गांधी की पारिवारिक जड़ें गुजरात में हैं। इस लिहाज से विपक्ष का मानना है कि उनके उम्मीदवार बनने से प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी के लिए भी राजनीतिक स्थिति सहज नहीं होगी।
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की तरफ से गोपाल कृष्ण गांधी को उतारने की बातें सामने आ रही थीं, लेकिन बाद में मीरा कुमार के नाम पर मुहर लगी। गोपालकृष्ण गांधी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं। विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, सपा की ओर से नरेश अग्रवाल, बसपा की ओर से सतीश मिश्रा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, जदयू की ओर से शरद यादव मौजूद थे।