बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है केंद्र सरकार : ममता

कोलकाता,पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दंगा प्रभावित बशीरहाट में सुरक्षा बलो ने चौकसी बढ़ा दी है। इस बीच यहां पूरी तरह शांति कायम है। इस बीच तेजी से सामान्य हो रहे बशीरहाट से लोगों का ध्यान हट कर कोलकाता पर केंद्रित हो गया है, जहां मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने मौजूदा सांप्रदायिक हिंसा के लिए भाजपा को दोषी ठहराया है।
इस बीच मुख्यमंत्री बैनर्जी ने बशीरहाट में हुई सांप्रदायिक हिंसा की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है। ममता बैनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा और संघ देश के संघीय ढ़ांचे को क्षति पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के इस शांतिपूर्ण इलाके में कभी हिंसा की वारदाते नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए संघ और भाजपा राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने में आग लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके में सांप्रदायिक हिंसा की शुरूआत बाहरी लोगों ने की। उन्होंने सवाल किया कि सीमा सुरक्षा की जिममेदारी किसकी है-केंद्र सरकार की या राज्य सरकार की। उन्होंने कहा कि मैं राज्य की जनता को बताना चाहती हूँ कि भाजपा राज्य में शांति भंग करना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गड़बड़ियां फैला कर केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है।
ममता बैनर्जी ने कहा कि वह देश के दो प्रमुख समाचार चैनलों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगी, जिन्होंने फर्जी वीडियो चला कर दावा किया था कि वे बशीरहाट के हैं। इस बीच दंगा प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर बशीरहाट जाने का प्रयास कर रहे एक भाजपा प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने रोक दिया, प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, सत्यपाल सिंह और ओम माथुर शामिल थे। उल्लेखनीय है कि बशीरहाट और भादुरिया में मोहम्मद साहब पर अपमानजनक पोस्ट के बाद सांप्रयायिक हिंसा फैल गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि अनेक लोग घायल हुए थे।

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