नई दिल्ली,सिक्किम क्षेत्र में भारत-चीन के बीच ताजा विवाद पर भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने कहा है कि वह चीनी धमकियों से पीछे हटने वाला नहीं है। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भाम्रे ने कहा कि इस मुद्दे का केवल कूटनीतिक समाधान हो सकता है। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सबसे पहले चीनी सेनाओं को वहीं वापस जाना होगा, जहां वे पहले थीं।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे भूटान के क्षेत्र में घुस गई हैं। चीनी सेनाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए। चीनी सेना की इस गतिविधि की वजह से हमारी सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं। उल्लेखनीय है कि यह बयान चीनी राजदूत लू झाओहुई के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे पर भारत से कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने मौजूदा गतिरोध के समाधान के लिए ‘बिना शर्त’ भारतीय सेनाओं के विवादित क्षेत्र से बाहर जाने की बात कही थी। दरअसल सिक्किम-भूटान-तिब्बत मिलन स्थल पर चीनी गतिविधियां ताजा विवाद की मुख्य वजह मानी जा रही है।
इस तनातनी के पीछे भू-सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण उस भारतीय भूभाग को माना जा रहा है, जिसे ‘चिकन नेक’ के नाम से जाना जाता है। चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है। इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्बत के मिलन बिंदु स्थल (डोका ला) तक एक सड़क का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है, जिस पर भारत ने आपत्ति जतायी है। इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोकलाम पठार में कर रहा है। इस क्षेत्र के अधिकार को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है। चीन इस क्षेत्र को डोंगलांग कहता है और प्राचीन काल से अपना हिस्सा बताता है। इसीलिए अपनी सेना के गश्ती दल को वहां भेजता रहता है। दरअसल चीन की मंशा डोकलाम से डोका ला तक इस सड़क के निर्माण से दक्षिण तिब्बत में स्थित चुंबी घाटी तक अपनी पैठ को बढ़ाना है। यह घाटी हंसिए की तरह है जो सिक्किम और भूटान को अलग करती है।
दरअसल यदि डोका ला तक चीन सड़क का निर्माण कर लेता है, तो उसकी सेना को यहां से तकरीबन 50 किमी दूर संकरे सिलिगुड़ी कॉरीडोर तक सामरिक बढ़त मिल जाएगी, जोकि पश्चिम बंगाल का हिस्सा है। इसी कॉरीडोर को ‘चिकन नेक’ कहा जाता है। यह भारत की मुख्य भूमि को उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ने का एकमात्र जरिया है। चुंबी घाटी में चीन की गतिविधियां भारत के लिए चिंता की वजह बनी हुई हैं। यह मानचित्र में हंसिए की तरह का हिस्सा है जो भारत के ‘चिकन नेक’ से ठीक ऊपर स्थित है। इस क्षेत्र में भू-सामरिक स्थिति के लिहाज से फिलहाल भारत स्थिति बेहतर है, लेकिन डोकलाम से डोका ला तक सड़क निर्माण कर चीन, इन देशों के मिलन बिंदु तक पहुंचकर भारत को घेरना चाहता है।
धमकियों से डरने वाले नहीं, वापस लौटो तब होगी बात : भारत
