भेल के व्यापारी अब नहीं बेच सकेंगे दुकान,नियम बदले, अब नहीं होगी दुकान ट्रांसफर

भोपाल,भेल क्षेत्र के व्यापारी अब अपनी दुकानें नहीं बेच सकेंगे।भेल प्रबंधन ने नियमों में बदलाव कर दिया। नए नियमों के अनुसार, अब दुकानें ट्रांसफर भी नहीं हो सकेगी।नियम से ऐसे व्यापारियों को झटका लगा है जो दुकान बेचने का मन बना रहे थे। ज्ञात हो कि भेल टाउनशिप में करीब एक दर्जन से अधिक मार्केट हैं, जहां 1500 से अधिक दुकानें हैं। यह दुकानें करीब 40 साल पुरानी हैं, इसलिए शुरूआती दौर में इनकी कीमत कम थी। समय के साथ इनकी कीमत बढ़ती गई। वर्तमान में इनकी कीमत 2 से 40 लाख रुपए से अधिक है। ऐसे कई व्यापारी हैं, जिन्होंने दुकानें बेचकर ज्यादा रकम वसूल ली। अब भेल प्रबंधन ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि कोई भी व्यापारी दुकानें न बेच सकें। नए नियमानुसार अब दुकानें किसी और के नाम ट्रांसफर नहीं होंगी। भेल में संचालित दुकानों पर किराया वृद्धि न कर पाने वाले प्रबंधन द्वारा ठेले वालों से 10 गुना किराया वसूला जा रहा है। भेल के हाकर्स कॉर्नरों में छोटे-छोटे ठेले लगाकर अपनी जीविका चलाने वालों से प्रबंधन हर माह 40 प्रतिशत वर्गफुट के हिसाब से किराया वसूल कर रहा है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है।
दरअसल भेल के कई व्यापारी ऐसे भी हैं जिनका कारोबार अपेक्षानुसार नहीं चलता, इसलिए नई शॉप नीति के तहत किराए में कई गुना वृद्धि होने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। इस नीति को लेकर भेल व्यापारी और प्रबंधन आमने-सामने आ चुके हैं। मगर प्रबंधन और व्यापारियों के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है। प्रबंधन का कहना है कि यह पॉलिसी दिल्ली बोर्ड बैठक में तय की गई है, इसलिए यहां से कुछ नहीं होगा। इधर व्यापारियों के रैवये से प्रबंधन नाराज है। भेल में नई शॉप नीति लागू नहीं होने से प्रबंधन व्यापारियों को किसी भी प्रकार की राहत देने की मूड में नहीं है। प्रबंधन का कहना है कि किराए में किसी भी की छूट देना संभव नहीं है। यह बात प्रबंधन कई माह से कह रहा है, लेकिन वह बीच का रास्ता नहीं निकाल सका है। इस कारण दो साल बाद भी नई शॉप पॉलिसी लागू नहीं हो सकी है।इस बारे में भेल नगर प्रशासक अनंत टोप्पों का कहना है कि भेल व्यापारी दुकानें आसानी से किसी के नाम पर ट्रांसफर करा देते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं है। नए नियम के अनुसार दुकानें ट्रांसफर नहीं कराई जा सकेंगी।

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