मुंबई, आयकर विभाग ने महाराष्ट्र में बड़ी कार्रवाई की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल के परिवार की लगभग 300 करोड़ रुपए मूल्य की बेनामी संपत्तियां आयकर विभाग ने जब्त कर ली हैं। विभाग का कहना है कि ये संपत्ति भुजबल परिवार ने करीब चार दर्जन फर्जी कंपनियों के नाम पर बनाई थी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण मंत्री रहे छगन भुजबल 14 मार्च, 2016 से जेल में हैं। उनके कार्यकाल में दिल्ली में बनाए गए महाराष्ट्र सदन घोटाले के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने उन पर मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज कर रखा है।
आयकर विभाग द्वारा लगाए गए नए आरोपों में भुजबल सहित उनके पुत्र पंकज एवं भतीजे समीर को इन बेनामी संपत्तियों का लाभ लेने वाला माना गया है। आयकर विभाग द्वारा ताजा नोटिस बेनामी कारोबार (प्रतिबंधक) कानून की धारा 24(3) के तहत जारी किया गया है।
-यह किया गया जब्त
जब्त की गई संपत्तियों में नासिक की गिरना चीनी मिल की कीमत 80.97 करोड़, मुंबई के सांताक्रूज (पश्चिम) स्थित सोलिटेयर इमारत की कीमत 11.30 करोड़, मुंबई में ही बांद्रा (पश्चिम) स्थित हबीब मनोर एवं फातिमा मनोर इमारतों की कीमत 43.61 करोड़, पनवेल स्थित एक प्लॉट की कीमत 87.54 करोड़ रुपए शामिल है। आयकर विभाग के अनुसार जब्त की गई सभी संपत्तियों की बाजार भाव पर कुल कीमत लगभग 300 करोड़ रुपए आंकी गई है। आयकर विभाग ने इस मामले में ऐसी 44 कंपनियों को चिन्हित किया है, जिन्होंने बेनामी समझी जा रही तीन में से दो कंपनियों में निवेश किया। यह उस कानून का उल्लंघन है, जो बन तो 1988 में ही गया था, लेकिन अमल में पिछले वर्ष एक नवंबर से आना शुरू हुआ है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर सात वर्ष तक कठोर कारावास एवं बेनामी संपत्तियों के बाजार मूल्य का 25 फीसद तक जुर्माना हो सकता है। इन संपत्तियों की चार माह तक जांच करने वाली आयकर विभाग की टीम का मानना है कि भुजबल परिवार द्वारा ये संपत्तियां अघोषित आय से खरीदी गई हैं।