बिलिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाने नर्सिंग होम एक्ट में होगा बदलाव

भोपाल,केन्द्र के क्लीनिकल एस्टेबलशिमेंट एक्ट को लागू करने की जगह राज्य सरकार प्रदेश में पहले से चल रहे नर्सिंग होम एक्ट में ही मामूली बदलाव करने जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा फोकस बिलिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाना है।इसके साथ ही नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करने पर शुरू में दो बार बड़ी पेनाल्टी लगाई जाएगी। इसके बाद भी नर्सिंग होम ने तीसरी बार उल्लंघन किया तो सजा का भी प्रावधान होगा। मरीजों के हित एक्ट में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है।
केन्द्र सरकार ने पूरे देश के लिए क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट 2010 में बनाया है। राज्य इसे मूल रूप में लागू कर सकते हैं या इसके अच्छे प्रावधानों को लेकर अपने एक्ट में संशोधन कर सकते हैं। मप्र सरकार ने 1973 में बने नर्सिंग होम एक्ट में मामूली बदलाव का निर्णय लिया है। इसके लिए नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ स्वास्थ्य विभाग के अफसरों कई बार बैठक हो चुकी है। दो साल बाद कुछ बदलावों को लेकर सहमति बनी है। अब इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट व विधानसभा में रखा जाएगा। इसमें सबसे बड़ा बदलाव पेनाल्टी को लेकर किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करने पर अभी पहली बार 50 हजार तक की पेनाल्टी व दूसरी बार पेनाल्टी व सजा का प्रावधान है। प्रस्तावित संशोधन में दो बार इससे ज्यादा पेनाल्टी और तीसरी बार उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान किया जा रहा है।इस बारे में मप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव ड़ा उमेश शारदा का कहना है कि यूनिफार्म बिलिंग पैटर्न पर सहमति बनी है। स्वास्थ्य बीमा का क्लेम लेने के लिए छोटी-छोटी सेवाओं की फीस बताना भी जरूरी है, इसलिए भी यह जरूरी है। हर अस्पताल में सुविधाएं और डॉक्टरों की योग्यता अलग-अलग होती है, इसलिए फीस एक जैसी नहीं हो सकती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *