बच्चे को जिन्दा किया दफन मासूम जीत गया जिंदगी की जंग, अब उपचार जारी

बड़वानी, अगर आपका भगवान में विश्वास है तो यह खबर पढ़कर और मजबूत होगा, घंटो जमीन में दफ़न रहने के बाद भी दस दिन का नवजात ज़िंदा मिला क्या है पूरी घटना इसकी पूरी जानकारी हम आपको देते है।
बात कल दिन की है जब एक कलयुगी माँ ने अपने मासूम की ज़रा भी परवाह किये बिना उसे शमसान घाट में दफ़न कर दिया। जी हां मामला बडवानी जिले का है। जहा ओझर थाना क्षेत्र के ग्राम चिबानापूरा के शमसान घाट से नवजात बच्चे के रोने की आवाजे आ रही थी। तभी वह आसपास से गुजर रहे बच्चो ने उसकी आवाज सुन शेरू और उसकी पत्नी सुनीता से कही की शमसान में से किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही है। जिसके बाद वहा पहुंचकर शेरू और उसकी पत्नी ने बच्चे को जमीन में गडा हुआ देखा। उसके सिर की तरफ भारी भरकम पत्थर भी रखा हुआ था। जैसे तैसे दोनों पति पत्नी ने बच्चे के ऊपर रखा पत्थर हटाकर मिटटी हटाई तो लगभग एक फिट खोदने पर नवजात बाहर निकला। जिसे दोनों ने घर लेजाकर नहलाया सुनीता ने बताया की उसके मुह में मिटटी और कंकर भी निकले जिसे साफ़ किया था। बच्चे के माता पिता की जानकारी नहीं होने से शेरू ने गाँव में लोगो से बात कर पुलीस को सुचना दी। जिसके बाद नवजात का प्राथमिक उपचार कर उसे बडवानी रेफर कर दिया। जहा डाक्टरों ने उसकी हालत नाजुक बताई है। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ सर्दी और बुखार भी तेज आ रहा है। डाक्टर का मानना है की लगभग घटना चोबीस घंटे के भीतर की है क्योकि बच्चा भूखा नहीं था डॉ रूपसिंह भादले शिशु रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय बडवानी के अनुसार बच्चे के जल्द ही स्वास्थ्य होने की बात कही है। लेकिन आखिर माँ की एसी क्या मज़बूरी थी की उसने अपने जिगर के टुकड़े को जिन्दा जमीन में दफ़न कर दिया ओझर पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है। जाको राखे साईंय्या मार सके न कोई जी हां कहते है जिसकी रक्षा उपर वाला कर्ता है उसका बाल भी बांका नहीं होता।

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