गवली के किरदार के लिए अर्जुन रामपाल ने लगवाई नकली नाक

मुंबई,बॉलीवुड में इस समय बायोपिक यानी किसी की जीवनी पर आधारित फिल्में बनाने का चलन बढ़ा है। लेकिन फिल्म में सही शारीरिक समानता पाना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अर्जुन रामपाल इन दिनों गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली पर आधारित फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। अर्जुन इस फिल्म के सह-लेखक और निर्माता भी हैं। अर्जुन ने कहा है कि मेरे लिए सही लुक में दिखना बेहद जरूरी था। एक अभिनेता के रूप में अगर मैं लुक-टेस्ट में फेल हो जाता तो ‘डैडी’ नहीं करता, इसलिए पटकथा पूरी होने के बाद सबसे डरावना भाग समाने आया।
लुक टेस्ट, मैंने आशिम (अहलुवालिया) को बता दिया था कि अगर मैं लुक-टेस्ट में असफल होता हूं तो भी फिल्म का निमार्ण करूंगा, वह इसका निर्देशन करेंगे और हम अरुण गवली से मिलते-जुलते किसी अन्य अभिनेता को लेंगे। अरुण गवली की तरह दिखने के लिए अभिनेता को कृत्रिम नाक का सहारा लेने के साथ ही शारीरिक ढांचे पर भी ध्यान देना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह एक वास्तविक जीवन के चरित्र को निभा रहे हैं, इसलिए उनकी पहली प्राथमिकता उस शख्स के जैसे दिखना था। वह दो साल तक जिम नहीं गए और वजन 20 किलो घटाया, क्योंकि किरदार में उन्हें दुबला-पतला दिखना था। फिल्म ‘डैडी’ एक ऐसे शख्स की कहानी है, जिसने लंबे अर्से तक मुंबई में अपहरण, जबरन धन उगाही करने, सुपारी लेकर हत्या करने में शामिल रहा है और कई बड़े अपराधों को अंजाम दिया है। हमेशा गांधी टोपी पहनने वाले गवली 2004 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए थे।

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