कुर्नूल, अचानक तकरीबन 12घंटे बिजली गुल रहने की वजह से कुर्नूल के सरकारी अस्पाल में भर्ती की 20गंभीर मरीजों की मौत हो गई। 12 घंटे से अधिक की कटौती के कारण अस्पताल में भर्ती सैकड़ों मरीजों को काफी परेशान होना पड़ा, क्योंकि सारे वार्ड अंधेरे में डूब गए थे। औसतन, अस्पताल में रोजाना करीब 10 से 15 मरीजों की मौत होती हैं। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जे. वीरसावामी ने कहा कि बिजली की कटौती के कारण ये इन मरीजों की मौत नही हुई है। वहीं राज्य स्वास्थ्य मंत्री केमिनेनि श्रीनिवास ने इस त्रासदी पर रिपोर्ट मांगी है। उन्हें यह जानकर निराशा हुई कि जिस समय मरीजों की मौत हो रही थी, उस वक्त अस्पताल डयूटी पर तैनात चिकित्सक और आवासीय चिकित्सा अधिकारी (रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर) गायब थे। वहां कोई भी मौजूद नहीं था। अस्पताल अधीकक्षक ने कहा कि यह आरएमओ की डयूटी है कि वह अस्पताल में उपस्थित रहे। अस्पताल के कर्मचारियों की तरफ से यह गंभीर लापरवाही की गई थी। बिजली जाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में स्थित एक पुलिस चौकी को हाई टेंशन लाइन से सीधी आपूर्ति की जा रही थी। शुरुआती जांच से पता चला है कि हाईटेंशन लाइन के तारों के बिजली के तारों के साथ टकराने के कारण बिजली चली गई। शाम 8 बजे से अस्पताल में हुए अंधेरे के लिए पुलिस आउट पोस्ट मुख्य रूप से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमने बिजली विभाग के साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए काफी कोशिश की, लेकिन अगली सुबह तक कोई लाइनमैन उपलब्ध नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोई भी लाइनमैन रात में बिजली के खंभे पर चढ़ने को तैयार नहीं हुआ था। ट्रांसको अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल की बिजली की समस्या को सुधारना उनका काम नही है।