आठ सालों में पाक ने कश्मीरी अलगाववादियों को दिए 1500 करोड़

 

नई दिल्ली,एनआईए को हुर्रियत नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी के बाद कई अहम सूचनाएं मिली हैं। हुर्रियत नेताओं के यहां से मिले दस्तावेजों से खुलासा हो रहा है कि ये लोग किस प्रकार से पाकिस्तान से धन लेकर घाटी में आतंक के लिए संसाधन जुटाते हैं और खुद ऐशो आराम की जिंदगी जीते हैं और अपने बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करते हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 8 सालों में पाकिस्तान की ओर से करीब 1500 करोड़ रुपये भेजे गए। इनमें से लगभग आधी रकम हुर्रियत नेताओं ने आतंक फैलाने में लगाई और आधी रकम से खुद के लिए प्रॉपर्टी बनाई। ये जानकारियां हुर्रियत नेताओं पर काबू पाने की दिशा में अहम तरीके से इस्तेमाल की जा सकती हैं। एनआईए ने शनिवार और रविवार को हुर्रियत नेताओं के श्रीनगर, जम्मू, दिल्ली और हरियाणा के 3 दर्जन ठिकानों पर लगातार छापे मारे थे। यह कार्रवाई धनशोधन मामले और पाकिस्तान से पैसा लेने के सबूत मिलने के बाद लिया गया। छापेमारी में लगभग 3 करोड़ नकदी के अलावा करोड़ों की संपत्ति का पता चला है। इसमें मिले कागजातों की जांच जारी है। 1990 के बाद यह पहला मौका है जब हुर्रियत नेताओं की फंडिंग की जांच के लिए दबिश बढ़ाई गई है। शुरुआती जांच में जिन बातों का खुलासा हुआ है, उसमें सबसे अहम यह है कि हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान से फंड लेकर घाटी में आतंक को बढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाए। साथ ही इसी पैसे में उन्होंने अपने लिए संपत्ति भी बनाई। सूत्रों के अनुसार, छापे में पुख्ता सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान से आए पैसे से इन नेताओं ने श्रीनगर, गुलमर्ग और सोनबर्ग में करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनाई। अब इस बेनामी संपत्ति की जांच का मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दे दिया गया है। छापे के दौरान जानकारी मिली है कि पिछले 7 से 8 सालों में हुर्रियत नेताओं को पाक ने घाटी में गड़बड़ी फैलाने के लिए 1500 करोड़ से अधिक राशि दी है। पाकिस्तान से फंड मिलने की बात को इन नेताओं ने कैमरे के सामने एक स्टिंग में स्वीकार किया था। एनआईए सूत्रों के अनुसार, हुर्रियत नेताओं की ऐशोआराम की जिन्दगी और उनके बच्चों की विदेशों में महंगी पढ़ाई भी पाक से मिले फंड से पूरी होती है।

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