काबुल, कई सालों से आंतक का दंश झेल रहा अफगनिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार सुबह भारतीय दूतावास के पास धमाका हुआ है, जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई हैं,जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए है। लेकिन दूतावास के बाहर हुए धमाके के बाद भी सभी भारतीय कर्मचारी सुरक्षित हैं। धमाके के बाद आसपास धुएं का गुबार दिखाई दिया, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धमाका कितना बड़ा था, भारतीय दूतावास की इमारत के दरवाजों और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है,इससे पूर्व 13 मई को काबुल में एक कार पर किए गए हमले में कम से कम तीन आम नागरिकों की मौत हो गई। गृह मंत्रालय के उपप्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया कि शनिवार के हमले में मरने वालों में जल आपूर्ति विभाग की दो सरकारी महिला कर्मचारी और एक छोटा बच्चा है, दानिश ने कहा कि गाड़ी का चालक जख्मी हो गया। किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। दानिश ने बताया कि एक दिन पहले ही, तालिबान नियुक्त उप गवर्नर और जिला प्रमुख सहित 10 विद्रोही समंगान प्रांत में मारे गए थे।मार्च में भी काबुल में सैन्य अस्पताल में डॉक्टरों के भेष में आतंकियों ने हमला कर दिया था, आतंकवादियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की छह घंटे चली मुठभेड़ में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी, जो अफगानिस्तान में अपना असर बढ़ा रहा है,इस हमले के बाद अस्पताल के वार्डों में छिपे दहशतजदा मेडिकल स्टाफ ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए हताशा भरे संदेश डाले थे, टीवी फुटेज में दिखाया गया कि मेडिकल स्टाफ में से कुछ ने सबसे ऊपर वाली मंजिल की खिड़कियों के छज्जे पर शरण ले रखी थी,अस्पताल के एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा था कि हमलावर अस्पताल के अंदर हैं, हमारे लिए दुआ कीजिए,अस्पताल प्रशासकों ने एएफपी को बताया था कि विस्फोट के बाद डॉक्टरों के सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारी अस्पताल में घुस आए, जिससे वहां अफरातफरी मच गई।
काबुल में आंतकी हमला 80 मरे,300 से ज्यादा हुए जख्मी
