…और फारूक अब्दुल्ला बोले कोरोना की वजह से पत्नी का चुंबन भी नहीं ले सकता

जम्मू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में एक किताब विमोचन समारोह में एक ऐसी बात कही, जिसके बाद दर्शकों की भीड़ ठहाके मारने लगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कोरोना वायरस ने बड़ी अजीब स्थिति उत्पन्न कर दी है और जब से यह महामारी आई है तब से उन्होंने अपनी पत्नी का चुंबन तक नहीं लिया है। इसपर दर्शक ठहाके लगाकर हंस पड़े। अब्दुल्ला ने कहा’ स्थिति यह है कि कोई भी हाथ मिलाने या गले लगने तक से डरता है। यहां तक कि मैं अपनी पत्नी का चुंबन तक नहीं ले सकता। गले लगने का तो सवाल ही नहीं है जबकि दिल ऐसा करना चाहता है। मैं बिलकुल सही कह रहा हूं।’ इसपर वहां मौजूद दर्शक ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनकी इस टिप्पणी की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने का अनुरोध किया और कहा कि इस सेवा के अभाव में लोगों को कई दिक्कतें हो रही हैं। अब्दुल्ला ने कोविड-19 रोधी टीके की सफलता के लिए दुआ की और कहा कि लोगों को समृद्धि एवं विकास के लिए हर कीमत पर सांप्रदायिक सौहार्द तथा भाईचारा बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत में 5जी आ रहा है, जबकि हम 4जी (मोबाइल इंटरनेट सेवा) से भी वंचित हैं। वह कुर्सी छोड़ने के बाद यहां आएं और रहकर देखें कि हम 2जी (सेवा) के साथ कैसे जी रहे हैं। पिछले साल अगस्त में समूचे जम्मू कश्मीर में 4जी सेवाएं बंद कर दी गई थीं। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया था। हालांकि, दो जिलों में, जम्मू के उधमपुर और कश्मीर के गंदेरबल में सालभर से अधिक समय बाद यह सेवाएं बहाल कर दी गई थी, लेकिन शेष 18 जिलों में यह अब भी निलंबित है। अब्दुल्ला ने कहा, ”छात्र अपने घर पर हैं और वे इंटरनेट के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं तथा व्यावसायी भी इंटरनेट सेवा पर निर्भर हैं। मेरा प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि यदि आप कहते हैं कि यह स्थान विकास के पथ पर है तो हमें अल्लाह की खातिर 4जी दीजिए ताकि हम भी और हमारे बच्चे भी आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान देने की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘28,000 करोड़ रूपये के पैकेज के बात की जा रही है। पहले हमें यह बताइए कि 80,000 रुपये के पिछले पैकेज क्या हुआ और पैसा कहां चला गया? हमारी हालत देखिए और सेना नहीं होती तो श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग साल भर बंद रहता।’ नेकां नेता ने राजमार्ग पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा यातायात बहाल करने का जिक्र करते हुए यह कहा। बीआरओ ने 10 जनवरी को सड़क का एक हिस्सा धंस जाने के बाद यातायात बहाल करने के लिए केला मोड़ के नजदीक एक ‘बेली ब्रिज बनाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *