अमरोली में सड़क दुर्घटना में ब्रेन डेड हुए युवक के अंगदान से 8 लोगों को मिला जीवनदान

सूरत, कुछ दिन पहले सूरत के अमरोली में सड़क दुर्घटना में ब्रेन डेड घोषित युवक के अंगदान से अहमदाबाद, आणंद और मुंबई इत्यादि के निवासी 8 लोगों को जीवनदान मिला है। गुजरात में हृदय दान की 36वीं घटना है। जिसमें सूरत से डोनेट लाइफ द्वारा हृदय दान कराने की 29वीं घटना है। सूरत के रामकृष्ण एक्सपोर्ट में बतौर रत्नकार काम करनेवाले पियूष नारणभाई मांगूकिया कुछ दिन पहले नौकरी से छूटने के बाद अमरोली क्षेत्र में अपनी ससुराल गया था। जहां से रात 10 बजे पियूष मोटर साइकिल पर अपने घर लौट रहा था। उस वक्त अमरोली-सायण रोड पर सदगुरु पेट्रोल पंप के निकट मोटर साइकिल स्लीप होने से पियूष के सिर में गंभीर चोट आई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने पियूष को एम्ब्युलैंस 108 के जरिए स्मिमेर अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद पियूष को निजी अस्पताल में दाखिल किया गया। 28 अक्टूबर को अस्पताल के न्यूरो सर्जन ने पियूष को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अस्पताल के मेडिकल एडमिनिस्ट्रेटर स्टेट एडवाइजरी कमेटी फोर ऑर्गन और टिस्यू ट्रांसप्लान्टेशन कमेटी के मेम्बर ने डोनेट लाइफ के संस्थापक-प्रमुख निलेश मांडलेवाला से संपर्क कर पियूष के ब्रेन डेड होने की जानकारी दी| डोनेट लाइफ की टीम अस्पताल पहुंच गई और पियूष के परिवार से संपर्क किया और अंगदान की अहमियत व समग्र प्रक्रिया की जानकारी दी। परिवार पियूष के अंगदान के तैयार हो गया। पियूष के परिवार के सहमत होने के बाद निलेश मांडलेवाला ने स्टेट ऑर्गन एन्ट टिस्यू ट्रांसप्लान्ट ऑर्गेनाइजेशन (एसओटीटीओ) का संपर्क कर हृदय, फेफड़े, किडनी, लीवर और पेन्क्रियास दान की जानकारी दी। एसओटीटीओ ने फेफडे मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउन्डेशन अस्पताल को, हृदय अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल को, किडनी, लीवर और पेन्क्रियास अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट डिसीस एन्ड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) को उपलब्ध कराए। जबकि पियूष के नेत्र लोकदृष्टि चक्षुबैंक मुरैया करवाए| अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में आणंद निवासी 39 वर्षीय व्यक्ति में पियूष का हृदय ट्रांसप्लांट किया। जबकि अहमदाबाद के आईकेडीआरसी में दान में मिली दो किडनी, लीवर और पेन्क्रियास का ट्रांसप्लांट चार जरूरतमंद लोगों में किया गया। इसके अलावा मुंबई के एचएन रिलायन्स फाउंडेशन अस्पताल में उपचाराधीन दहाणु के 44 वर्षीय व्यक्ति में पियूष का हृदय ट्रांसप्लांट किया गया। इस प्रकार एक ब्रेन डेड युवक के अंगदान से 8 लोगों को जीवनदान मिला है।

 

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