शहीद सीओ ने एसएसपी से की थी चौबेपुर दारोगा की शिकायत, अब पूरा चौबेपुर थाना लाइन अटैच

कानपुर, उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में हुए शूटआउट कांड में फरार गैंगस्टर विकास दुबे की चौबेपुर थाने के लोगों से अच्छी मेल मुलाकात की शिकायतों के बाद आज देर शाम नवागत एसएसपी ने पूरे थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर करने का आदेश दिया,ठाणे में करीब 68 लोगों का स्टाफ था जिन्हे लाइन हाजिर किया गया है। इस बीच शक है कि पुलिस में कुछ लोगों ने मुखबिरी की। फिलहाल एसएसपी की जांच लखनऊ आईजी के हवाले कर दी गई है। वो वायरल ऑडियो भी सामने आया है जिसमें शहीद सीओ एसएसपी को बता रहे हैं कि एसएचओ विनय तिवारी उनकी बात नहीं सुनते। कानपुर में बिल्लौर के शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के मोबाइल में मिली रिकॉर्डिंग में साफ पता चल रहा है कि उन्होंने चौबेपुर के दरोगा विनय तिवारी की शिकायत एसएसपी अनंत देव से की थी। इसके बावजूद एसएसपी अनंत देव ने कोई एक्शन नहीं लिया। यह ऑडियो शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की बेटी वैष्णवी मिश्र ने वर्तमान एसएसपी दिनेश कुमार पी को सौंपा है। ज्ञात हो कि बिकरू गांव घटना के बाद से दरोगा विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
कानपुर शूटआउट में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के निलंबित एसएचओ विनय तिवारी के खिलाफ आठ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी थी। सूत्रों के मुताबिक, शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने विनय तिवारी को भ्रष्टाचारी बताया था और रिपोर्ट में लिखा था कि विनय तिवारी की जुए के कारोबार में भी भूमिका है। सूत्रों के मुताबिक, शहीद क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के निलंबित एसएचओ विनय तिवारी को पहले ही हटाने की सिफारिश उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन इस प्रकरण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में एसएचओ विनय तिवारी को भ्रष्टाचारी और विवेचना में गड़बड़ी करने वाला बताया था।
विकास दुबे के मामले में आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने माना था कि अगर मौके पर चौबेपुर एसओ विनय तिवारी एक्शन लेते तो कई अपराधी मारे जाते। उनकी शिथिलता पर उनको सस्पेंड किया गया है। थाने के सभी पुलिसकर्मियों की जांच हो रही है। किसी की कमी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि 21 नामजद आरोपी हैं जिनमें दो मारे गए हैं। एक आज मुठभेड़ में घायल है। मोहित अग्रवाल ने बताया कि चौबेपुर के निलंबित थानाध्यक्ष पर घटना के एक दिन पहले विकास दुबे ने राइफल तानी थी, लेकिन थानाध्यक्ष ने यह बात छुपाई और उनकी लापरवाही के चलते यह घटना हुई। अगर हमें इस बात की जानकारी होती तो हम पूरी तैयारी और बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर जाते।असल में, कानपुर एनकाउंटर के बाद चौबेपुर थाना शक के घेरे में है। आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी विकास दुबे की मदद में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ़ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस विभाग से बर्खास्त भी किया जाएगा।

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