भोपाल, दो दिन बाद राजधानी लौटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मंत्रियों के विभाग आज आवंटित नहीं किए जाएंगे। ऐसे में विभाग का इंतजार कर रहे मंत्रियों को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है। मुख्यमंत्री मंगलवार को भोपाल लौटने से पहले अमित शाह से मिलना चाहते थे। वे सोमवार देर रात से शाह से मिलने का प्रयास करते रहे, लेकिन मंगलवार सुबह शाह का संदेश आया कि विनय सहस्रबुद्धे की सूची के अनुसार विभागों का वितरण किया जाए। इस संदेश के बाद मुख्यमंत्री भोपाल लौट आए हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों के वितरण को लेकर ऐसा पेंच फंसा है कि पिछले 3 दिन से मुख्यमंत्री और विभागों की सूची दोनों दिल्ली में अटकी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने भोपाल लौटने से पहले अमित शाह से मिलने का समय मांगा था, लेकिन सोमवार देर रात से लेकर आज सुबह तक गृह मंत्री का बुलावा नहीं आया। आज सुबह भी मुख्यमंत्री दिल्ली के एमपी हाउस में शाह से मिलने की प्रतिक्षा कर रहे थे। लेकिन शाह के संदेश के बाद उन्होंने भोपाल लौटने का फैसला किया।
विभागों के वितरण को लेकर खींचतान
मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार की तरह ही अब विभागों के वितरण को लेकर भी जबर्दस्त खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले छह दिन से विभाग वितरण की नई-नई सूची बना रहे हैं, लेकिन बताते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री की किसी भी सूची पर सहमति नहीं दे रहे हैं। सिंधिया ने अपनी सूची बना रखी है और वे अपने समर्थक 14 मंत्रियों को अपने हिसाब से विभाग देने पर अड़े हुए हैं। मजेदार बात यह है कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व भी फिलहाल सिंधिया के साथ दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान को स्पष्ट कर दिया है कि मप्र में सिंधिया की मुख्यमंत्री के तरह ही हैसियत रहेगी। शाह के इस संकेत के बाद प्रदेश सरकार और भाजपा के समीकरण पूरी तरह बदलते दिख रहे हैं। विभाग वितरण को लेकर अमित शाह ने अब प्रदेश भाजपा के प्रभारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे को आगे कर दिया है। सहस्रबुद्धे ही विभाग वितरण को अंतिम रूप देंगे। उनकी सूची ही मान्य होगी।
देर रात तक चला घटनाक्रम
सोमवार देर रात विभाग वितरण को लेकर दिल्ली में दो अलग-अलग बैठकें होती रहीं। एमपी भवन में शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह के बीच लंबी मंत्रणा हुई। तय हुआ कि एक बार पुन: अमित शाह से मिलकर मप्र के हालात की जानकारी दी जाए। इन दोनों नेताओं को प्रदेश में सिंधिया समर्थकों की सक्रियता से भाजपा में अंदरूनी फूट की आशंका सता रही है। चौहान ने शाह से मिलने का टाइम मांगा लेकिन रात 11 बजे तक उन्हें समय नहीं मिला। दूसरी बैठक विनय सहस्रबुद्धे के घर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सहस्रबुद्धे के बीच हुई। इसमें सिंधिया ने अपने समर्थकों के लिए सौंपे जाने वाले विभागों को लेकर चर्चा की। बताते हैं कि सिंधिया महत्वपूर्ण विभागों को अपने समर्थकों के पास रखना चाहते हैं।