भोपाल, कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में हुए नुकसान और लाइसेंस फीस पर शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच बात बनने के बजाए बिगड़ती ही जा रही है। शराब ठेकेदारों की याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें शराब ठेकेदारों ने मप्र सरकार पर सख्ती दिखाने का आरोप लगाया, साथ ही इसे कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करना भी कहा। जिस पर हाईकोर्ट ने आबकारी आयुक्त सहित वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
ठेकेदारों की ओर से कहा गया कि सरकार ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र पर सख्त कार्रवाई न करने का अभिवचन दिया था। इसके बावजूद शराब ठेकेदारों को नोटिस देकर कार्रवाई की बात कही गई। यह बात संझान में लाने के बाद ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का अवमानना नोटिस दिया है। साथ ही नोटिस पर मंगलवार तक जवाब तलब किया है। नोटिस में कहा गया है तब तक शराब ठेकेदारों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की जाए। मामले की सुनवाई बुधवार को भी होगी।
मंदसौर के ठेकेदार की बैंक गारंटी जब्त
शराब ठेकेदारों की ओर ये अदालत को बताया गया कि मंदसौर के एक ठेकेदार की बैंक गारंटी जब्त की जा रही है। जबकि कुछ को नोटिस दिए गए हैं। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने शराब ठेकेदारों को सुरक्षा कवच देते हुए कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद सरकार का ये कदम हाईकोर्ट की अवमानना है। समय की कमी के कारण मंगलवार को याचिकाकर्ताओं की बात पूरी नहीं हो सकी। इसलिए याचिका पर बुधवार को सुनवाई जारी रहेगी।
आबकारी नीति पर चर्चा आज
हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई में कहा कि ठेकेदारों के खिलाफ याचिका के लंबित रहने तक कोई सख्त कारवाई न की जाए। पिछली सुनवाई के दौरान दी गई अंडरटेकिंग के बाद भी ठेकेदारों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं जिन ठेकेदारों को सरकार की नई नीति की शर्तें मंजूर हैं, उन्हें 3 दिन में एफिडेविट देना होगा।