अमेरिका में ऐतिहासिक चर्च फूंका गया,अब तक 5 की मौत, ट्रंप ने बुलाई सेना

वाशिंगटन, अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत अमेरिका के 140 शहरों तक फैल गया है। इन प्रदर्शनों में अभी तक प्रदर्शनों में पांच लोगों की मौत हुई है। हिंसा को रोकने के लिए 4 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वॉशिंगटन समेत 40 शहरों में कफ्र्यू लगाया गया है। इस बीच हालात को बेकाबू होता देख राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सेना को उतारने का ऐलान किया है। बता दें कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के सामने जमकर प्रदर्शन किया। ये लोग अमेरिका में अश्वेतों के साथ नस्लवाद के आरोप लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। यही नहीं पूरे वॉशिंगटन में कफ्र्यू लगा दिया गया है। वॉशिंगटन में प्रदर्शनकारियों के लूटपाट और आगजनी करने का भी सिलसिला जारी रहा।
चर्च को आग लगाई गई
प्रदर्शनकारियों ने चर्च ऑफ प्रेसिडेंट्स के नाम से मशहूर ऐतिहासिक सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च को आग तक लगा दी है। सोमवार को भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने चर्च का दौरा किया। व्हाइट हाउस के आसपास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने रबर की गोली का इस्तेमाल किया। इस दौरान अमेरिकी सेना-पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। हजारों प्रदर्शनकारियों ने ड्रम बजाते हुए सड़कों पर रैली निकाली।
जगह-जगह आगजनी और लूटपाट
अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से अमेरिका जल रहा है। कई बड़े शहरों से लूटपाट, दंगे और आगजनी की खबरें आ रही हैं। ट्रंप ने राज्यों को हिदायत दी कि वे अपने नागरिकों की रक्षा करने में कोई कसर न छोड़ें। उन्होंने कहा, अगर कोई राज्य या शहर अपने नागरिकों और उनकी संपत्ति की रक्षा करने से इनकार करता है तो मैं अमेरिकी फौज की वहां तैनाती कर उनका काम तुरंत आसान कर दूंगा। ट्रंप ने कहा कि जॉर्ज की मौत से लोग बेहद दुखी हैं और चंद दंगाइयों के उपद्रव के आगे शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले लोगों के विरोध को नजरअंदाज नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार मासूम और शांतिप्रिय लोग बने हैं और उनका राष्ट्रपति होने के नाते मैं उनके अधिकारों की रक्षा करूंगा।
जार्ज को देंगे इंसाफ: ट्रंप
वॉशिंगटन में हालात नियंत्रण से बाहर निकलते देख राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी सेना को उतारने का फैसला किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या से सभी अमेरिकी दुखी है और उनके मन में एक आक्रोश है। जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मेरे प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। मगर देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरी पहली प्राथमिकता इस महान देश और इसके नागरिकों के हितों की रक्षा करना है। ट्रंप ने कहा कि मैंने इस देश के कानून को सबसे ऊपर रखने की शपथ ली थी और मैं अब बिल्कुल वही करूंगा। उन्होंने कहा, रविवार रात वॉशिंगटन डीसी में जो कुछ हुआ वह बेहद गलत है। मैं हजारों की संख्या में हथियारों से लैस सेना के जवानों को उतार रहा हूं। इनका काम दंगा, आगजनी, लूट और मासूम लोगों पर हमले की घटनाओं पर लगाम लगाना होगा।
दो हजार जवान हाई अलर्ट पर
प्रदर्शनकारियों द्वारा की जा रही हिंसा और तोडफ़ोड़ को देखते हुए वाशिंगटन डीसी समेत देश के 40 शहरों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। वर्जीनिया में आपातकाल के साथ ही कैलिफोर्निया में सोमवार तक सभी सरकारी इमारतों को बंद रखने का आदेश दिया गया। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए 15 शहरों में पांच हजार नेशनल गार्ड के जवान तैनात हैं। दो हजार अतिरिक्त जवानों को अलर्ट पर रखा गया है।
प्रदर्शनों के समर्थन में हॉलीवुड
हॉलीवुड स्टूडियो डिज्नी, वार्नर ब्रदर्स, पैरामाउंट, नेटफ्लिक्स, अमेजन और द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स ने अश्वेत समुदाय के समर्थन में एक बयान जारी किया है। डिज्नी ने एक बयान में कहा, हम नस्लवाद के खिलाफ हैं। हमें इस समय एकजुट होना चाहिए और नस्लवाद के खिलाफ बोलना चाहिए। द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स ने कहा कि जार्ज फ्लॉयड की मौत किसी को भी स्वीकार्य नहीं है। वार्नर ब्रदर्स ने एक ट्वीट में कहा, हम अपने अश्वेत सहयोगियों और प्रशंसकों के साथ खड़े हैं। अमेजन ने कहा कि अमेरिका में अश्वेत लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने की जरूरत है।

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