सुपर साइक्लोन अम्फान ने बंगाल में ली 72 लोगों की जान

कोलकाता, सुपर साइक्लोन अम्फान ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाही हुई है। पश्चिम बंगाल में ही अब तक 72 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबक‍ि तूफान ने ओडिशा में भी भारी तबाही मचाई है। ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ क्षतिग्रस्‍त हो गए हैं। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाके को बेहद नुकसान पहुंचा है। यहां पर बड़े पैमाने पर दोबारा वृक्षारोपण किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा क‍ि सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ से बंगाल में 72 की मौत हो चुकी है। इसमें से कोलकाता में 17 लोगों की मौत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने घटना पर दुख जाहिर कर पश्चिम बंगाल सरकार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। वहीं ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को हालात का जायजा लेने के लिए राज्‍य का दौरा करना चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि ये तूफान कोरोना वायरस की आपदा से बड़ी थी। उन्होंने कहा कि इस तूफान में कम से कम 10-12 लोगों की जान गई। उन्होंने कहा, इलाके के इलाके तबाह हो चुके है। मैंने आज युद्ध जैसे हालात का सामना किया है। नंदीग्राम और रामनगर…उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना के दो जिले पूरी तरह तबाह हो गए है। भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, वहीं कच्चे मकान गिर गए या क्षतिग्रस्त हो गए। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में 160-170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। हवाओं की गति बढ़कर 185 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर से आने वाली खबरों में कहा गया है कि खपरैल मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए। बिजली के खंभे टूटकर उखड गए। भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया। मध्य कोलकाता के अलीपुर में सुबह आठ बजे से रात 8.30 बजे के बीच 222 मिलीमीटर बारिश हुई तो दमदम में 194 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। कोलकाता के अधिकतर हिस्सों में रात नौ बजे के बाद बारिश रुक गई लेकिन तेज हवाएं चलती रहीं।
चक्रवात के कारण ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में पांच मीटर तक का ज्वार उठा जिससे काफी दायरे में आने वाले क्षेत्र जलमग्न हो गए।

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