‘वॉटर बर्थ’ एक ऐसी तकनीक आई जो प्रसव पीड़ा को कम कर डिलीवरी को बनाएगी आसान

नई दिल्ली,गर्भावस्था में महिलाएं अपने प्रसव को लेकर काफी भयभीत रहती है पर एक ऐसी तकनीक आ गई है जिससे महिलाओं का प्रसव न केवल आसान होता बल्कि प्रसव वेदना से भी उनको मुक्ति मिलती है। यह विधि वॉटर बर्थ की है जिसका ज्यादा इस्तेमाल विदेशों में ही होता है। भारत में इसका इस्तेमाल कम होता है लेकिन पिछले कुछ समय से महिलाएं वॉटर बर्थ के जरिए बच्चों को जन्म दे रही हैं। आपको बता दें कि वॉटर बर्थ को लेकर कल्कि नामक महिला ने पहले से ही एक सख्त और स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना शुरू कर दिया था। वॉटर बर्थ तकनीक का कम उपयोग स्वस्थ गर्भावस्था और प्रसव को बढ़ावा देने के लिए अधिक सरल तरीके से जीवन जीना है। अपनी प्रेग्‍नेंसी के समय कल्कि अपना समय गाने सुनने में बिताती थीं और लंबी सैर के साथ खुशी से योग भी करती थीं। इतना ही नहीं कल्कि ने इस दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना भी कम कर दिया था। आइए जानते हैं क्या है वॉटर बर्थ। क्या है इसके फायदे और नुकसान।
वॉटर बर्थ अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के तरीके से बहुत अलग है। बच्चे को जन्म देने का यह तरीका विदेशों में काफी मशहूर है। वॉटर बर्थ के फायदों के बारे में बढ़ती जागरूकता के साथ, अधिक से अधिक लोग अब इस तकनीक से बच्‍चे को जन्‍म दे रहे हैं। हाल ही में, ब्रुना अब्दुल्ला ने भी पानी में बच्‍चे की जन्म देने की अपनी कहानी लोगों से साझा की थी। मशहूर हस्तियों को देखते हुए अब भारत के कुछ अस्पताल भी इस प्रसव तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं।
कहा जाता है कि सामान्य प्रसव के तरीके में अनुभव किए गए दर्द की तुलना में वॉटर बर्थ में दर्द बहुत कम होता है। वॉटर बर्थ का मतलब है कि पानी में बच्चे को जन्म देना। इसमें एक बड़े टब में गुनगुना पानी डाला जाता है, जहां गर्भवती महिला आराम से बैठ सकती हैं। यह प्रक्रिया अस्पताल और घर दोनों में की जा सकती है। यह तकनीक प्रेग्‍नेंसी के दर्द को कम करती है। हालांकि, इसे बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए नहीं तो इससे नवजात का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।
वॉटर बर्थ सामान्‍यतौर पर होने वाली प्रसव प्रक्रिया की तुलना में कम दर्द देने वाली तकनीक है। इसमें महिलाओं को डिलीवरी के दौरान काफी हद तक कम दर्द होता है। वॉटर बर्थ में प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने की आवश्यकता नहीं है। इसमें प्रसव बहुत कम समय में और कम दर्द के साथ भी हो सकता है। टब में गर्म पानी भी एक दर्द निवारक के रूप में काम करता है, जो प्रसव के समय दर्द को कम करने में मदद करता है। वॉटर बर्थ के समय कोई दवा लेने की जरूरत नहीं होती। गर्म पानी मांसपेशियों को आराम देता है और ऑक्सीटोसिन को बढ़ाता है, जो शरीर को प्राकृतिक रूप से दर्द से राहत देने में मदद करता है। इससे डिलीवरी भी बहुत जल्दी हो जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *