लगातार हो रही बेमौसम बरसात से अन्नदाता किसान को परिवार का पेट पालना भी हो रहा मुश्किल

उमरिया, लगातार हो रही बारिश से किसान लाचार और बेबश हो गया है। हर 15 दिन मे एक बार जोरदार बारिश का होना साथ मे ओलों का गिरना कहीं न कहीं किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का काम हो रहा है। लगातार बारिश होने के कारण क्षेत्र के किसानों की तिलहन, दलहन व गेहूं की फसल धीरे धीरे नष्ट होने की कगार पर है। पहले तिलहन फिर दलहन और अब गेहूं की फसल चौपट होने को है। बेमौसम बारिश ने किसानों को भुखमरी के लिए ला खड़ा किया है, साथ ही पूर्व मे ओलों से प्रभावित हुई फसलों का आंकलन भी क्षेत्र मे नही हो पाया है।
हल्का पटवारियों ने भी कहर ढाया
अपनी जमीन पर दिन रात पसीना बहाकर उससे अनाज पैदा कर लोगो का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खुद अपने परिवार का पेट नही भर पा रहा है। बिगत दिवस आई प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी, जिसमे की जमा पूंजी भी किसानी लागत के रुप मे लगी और अंतिम पड़ाव पर वह खत्म हो गई। इस विपदा पर किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को आदेशित किया कि वह हल्का पटवारियों से ओला बारिश से खराब हुई फसलों का मुआयना करे़ जिससे उन्हें राहत दी जा सके, लेकिन ऐसा नही हुआ। जिला प्रशासन ने आदेश दे दिया मगर दोबारा यह पूछने की जहमत नही उठाई की पटवारियों ने अब तक कितने रिकार्ड संधारित किये। कहने का मतलब साफ है कि ओला और बारिश से खराब हुई फसलों का मुआयना आज भी लालपुर, घंघरी, विलाईकाप, नौगवां टोला जैसे अनेकों ग्रामों मे नही हुआ। पटवारी ब्रजलाल विश्वकर्मा बताते है कि सब जगह सर्वे हो गया जबकि किसान कहते है कि पटवारी ने खेतों मे झांका तक नही।

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