पुलवामा हमले की बरसी पर सभी शहीदों के घर पहुंच इकट्ठा की उनके गांव की मिट्टी

नई दिल्ली,जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले की पहली बरसी आज है। आतंकियों की इस कायराना वारदात की यादें आज भी सिहरन पैदा कर रही हैं। हर नागरिक शहीद हुए जवान को अपने-अपने तरीके से याद कर रहा है। इस मौके पर कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप में शहीदों के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जा रही है। इस सभा में उमेश गोपीनाथ यादव को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया है। बेंगलुरु निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव पेशे से म्यूजिशियन और फार्माकॉलजिस्ट हैं। पिछले एक साल से शहीदों को अनोखे तरीके से श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। इस दौरान वह शहीदों के घर गए और उनके गांव से मिट्टी इकट्ठा की। उमेश गोपीनाथ जाधव फार्माकॉलजिस्ट और म्यूजिशियन हैं। अजमेर में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के बाद वह पिछले साल 14 फरवरी अपने घर बेंगलुरु लौट रहे थे। वह उस वक्त जयपुर एयरपोर्ट में ही थे जब वहां टीवी स्क्रीन में सीआरपीएफ हमले की खबर आने लगी। घटनास्थल की भयावह तस्वीर देखते ही उन्होंने बहादुरों के परिवार के लिए कुछ करने का फैसला किया।
जाधव ने हमले में शहीदों के परिजनों से मिलने के लिए पूरे भारत में 61 हजार किमी की यात्रा की। पिछले हफ्ते ही उनकी यह यात्रा खत्म हुई जिसे वह ‘तीर्थ यात्रा’ मानते हैं। जाधव अस्थिकलश दिखाते हुए कहते हैं, मैंने पूरे साल प्रत्येक जवान के घर के बाहर से मिट्टी इकट्ठा की। यह सब कुछ यहां है इस अस्थि कलश में।’ कश्मीर जाते हुए उमेश ने बताया कि यह यात्रा उनके लिए काफी खास थी। उन्होंने बताया, ‘जवानों के परिवारों को ढूंढना इतना आसान नहीं था। कुछ घर काफी अंदर के इलाके में थे। इसके बाद कई और चुनौतियां भी थीं।’ उमेश की कार में देशभक्ति के स्लोगन लिखे हुए हैं और रात गुजारने के लिए वह इसी में सोते थे। वह होटल का खर्चा नहीं उठा सकते थे।
परिजनों से मिलने के अनुभव के बारे में उन्होंने बताया, ‘हम साथ खाते थे और रोते थे।’ हर पड़ाव पर उन्होंने एक मुट्ठी मिट्टी इकट्ठा की और उसे एक कलश में रखा जिसे अब वह श्रीनगर के सीआरपीएफ को उन शहीदों की यादें संजोने के लिए देंगें। स्पेशल डीजी (जम्मू-कश्मीर जोन) जुल्फिकार हसन ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा शांत और साधारण रूप से होगी लेकिन जाधव को उनके इस काम को पहचान देने के लिए विशेष मेहमान के तौर पर बुलाया गया है। जाधव को उम्मीद है कि उन्होंने जो किया वह उनके परिवार के लिए भी नजीर बनेगा। उन्होंने बताया, ‘मेरी पत्नी और बच्चों को मुझ पर गर्व है। मुझे उम्मीद है कि किसी दिन मेरे बच्चे भी सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगे। मेरे लिए यही सम्मान होगा।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *