भारत-ब्राजील के बीच व्यापार और निवेश के कई एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

नई दिल्ली,भारत-ब्राजील के संबंधों को प्रगाड़ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के बीच कूटनीतिक संबंधों में नई गति पैदा करने के उद्देश्य से शनिवार को कई मुद्दों पर बातचीत हुई। अधिकारियों ने बताया कि बातचीत में दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश के अहम क्षेत्रों, ऊर्जा, रक्षा तथा सुरक्षा, औषधि तथा वैज्ञानिक शोध में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया। बाद में पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कते हुए कहा कि राष्ट्रपति बोलसोनारो और उनके उच्च स्तरीय डेलीगेशन का मैं भारत में स्वागत करता हूं। पिछले आठ महीनों में यह हमारी तीसरी मुलाकात है। यह हमारे बीच बढ़ती मित्रता और दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों को दर्शाती है।
पीएम ने कहा कि ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे 71वें गणतंत्र दिवस पर आप हमारे मुख्य अतिथि हैं। ब्राजील खुद भी उल्लास से भरे पर्वों का देश है। एक मित्र के साथ इस विशेष पर्व पर हम अपनी खुशी साझा करेंगे। भारत का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। भारत और ब्राजील की रणनीतिक भागीदारी हमारी समान विचारधारा और मूल्यों पर आधारित है, इसलिए भौगोलिक दूरी के बावजूद हम विश्व के अनेक मंचों पर साथ हैं। आज हमने तय किया है कि दोनों देश बहुपक्षीय मुद्दों पर अपने सहयोग को और दृढ़ बनायेंगे। हम सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में आवश्यक सुधार के लिए मिलकर प्रयासरत रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी सामरिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार किया गया है। साल 2023 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का प्लैटिनम जुबली वर्ष होगा। मोदी ने कहा कि भारत और ब्राजील के बीच जैव ऊर्जा, पशुधन अनुवांशिकी, स्वास्थ्य, पारंपरिक औषधि, साइबर सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, तेल एवं गैस तथा संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों में हमारा सहयोग और तेज़ी से आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमने तय किया है कि दोनों देश बहुस्तरीय मुद्दों पर अपने सहयोग को और सुदृढ़ बनायेंगे तथा हम सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में आवश्यक सुधार के लिए मिलकर प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और रक्षा सहयोग में हम व्यापक दृष्टिकोण आधारित सहयोग चाहते हैं।

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