वॉशिंगटन,अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान से जारी तनाव के बीच कहा है कि ईरान के हमले में कोइ अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ, न ही कोई घायल हुआ। उन्होंने कहा कि हम कभी ईरान को परमाणु ताकत नहीं बनने देंगे। डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को आतंकी बताते हुए कहा कि उन्हें बहुत पहले ही मार देना चाहिए था। ट्रंप ने कहा, ‘हमारी सेना ने दुनिया के शीर्ष आतंकी कासिम सुलेमानी को मारा। उसने कई जघन्य हमलों की साजिश रची। आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह को उसने ट्रेनिंग दी थी। मिडिल ईस्ट में उसने आतंकवाद को बढ़ाने का काम किया। वह अमेरिकी अड्डों पर हमले की फिराक में था।’
बुधवार सुबह ईरान के मिसाइल हमले में किसी भी अमेरिकी सैनिक के हताहत न होने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे मिलिट्री बेसों पर बेहद कम नुकसान हुआ। किसी अमेरिकी की जान नहीं गई। हमारी सेना हर स्थिति से निपटने और जवाब देने में सक्षम है।’ ट्रंप ने कहा कि हम ईरान को परमाणु ताकत नहीं बनने देंगे। हालांकि डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में अमेरिका की ओर से सीधे तौर पर कोई ऐक्शन लिए जाने की बात नहीं की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान पर मध्य पूर्व में अशांति और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम आज दुनिया में तेल और गैस के सबसे बड़े उत्पादक हैं। हमारी उन पर कोई निर्भरता नहीं है। अमेरिकी सेना बहुत सक्षम है। हमें मध्य पूर्व के तेल की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने उनके साथ डील करके उन्हें एक मौका दिया था, लेकिन वे हमें शुक्रिया कहने की बजाय अमेरिका की मौत के ही नारे लगाते रहे।
ट्रंप ने कहा कि हमने ईरान के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण की डील की, लेकिन वह शुक्रिया की बजाय अमेरिका की मौत के नारे लगाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों से ईरान के खिलाफ अमेरिका के साथ आने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि ईरान की हिंसा से मध्य पूर्व में शांति नहीं आएगी।
बता दें कि बुधवार को सुबह ही ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए थे। इन हमलों के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान का मिसाइल हमला दिखाता है कि ‘हम अमेरिका से डरते नहीं हैं।’