बिजली कर्मचारियों को उत्तराखंड में मुफ्त बिजली दिए जाने के फिसले से HC नाराज

नैनीताल, उत्तराखंड राज्य में बिजली कर्मचारियों को मुफ्त बिजली देने के मामले पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि जो प्रस्ताव ऊर्जा निगम का है,उससे भी कम बिजली किसी भी प्रदेश के चीफ जस्टिस को मिलती है। मंगलवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ऊर्जा निगम को आदेश दिया है कि वह पिछले सालों में कर्मचारियों को दी गई मुफ्त बिजली से नुकसान का पूरा ब्यौरा कोर्ट में पेश करे। हाईकोर्ट में मंगलवार को सुवनाई के दौरान ऊर्जा निगम ने कोर्ट में बताया कि चतुर्थ कर्मचारियों को 65 रुपये में 8 हजार यूनिट, 100 रुपये में कर्मचारियों को 10 हजार और अधिकारियों को 12 हज़ार यूनिट दिए जाने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पारित किया गया है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ऊर्जा निगम की किरकिरी इसकारण भी हुई क्योंकि वह इस बात का जवाब दाखिल नहीं कर पाया कि बिजली विभाग के कितने कर्मचारियों के घरों में मीटर लगे हैं और कितनों की तनख्वाह रुकी है।हाईकोर्ट ने निगम के रवैये पर सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया है कि वह 10 जनवरी तक प्रस्ताव को फ़ाइनल कर कोर्ट में पेश करे। बता दें आरटीआई क्लब उत्तराखंड ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर राज्य में लगातार बढ़ाए जा रहे बिजली दरों को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने लाखों की बिजली फूंक दी और बिल 425 रुपये भी नहीं दिया। याचिका में कहा गया है कि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के घरों में जो मीटर लगे हैं वह या तो खराब हैं या हैं ही नहीं।याचिका में कहा गया है कि ये लोग मनचाही बिजली खर्च करते हैं और उसका पैसा जनता से ही लिया जाता है। याचिका में फर्जीवाड़े और बिजली घोटाले को बंद करने की मांग की गई है।

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