भोपाल,गंभीर अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों की जानकारी जुटाने के लिए अब पुलिस पुराने तरीकों में बदलाव कर नए तरीके अपनाने जा रही है। यही वजह है कि अब चोरी, लूट, डकैती और हत्या जैसे मामलों को अंजाम देने वालों तक जल्द पहुंचकर उन्हें दबोचने के लिए पुलिस हाईटैक उपकरणों की मदद लेगी। आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास सुराग तलाशने के लिए फिंगर प्रिंट एक बेहतर विकल्प होता है। इसके लिए अब पुलिस ने फिंगर प्रिंट डिटेक्शन सिस्टम (हाईटैक कैमरा) का उपयोग करना तय किया है। इससे पुलिस को फिंगर प्रिंट डिटेक्ट करने के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।
भोपाल और इंदौर से होगी शुरुआत
फिंगर प्रिंट शाखा के मुताबिक ट्रेनिंग के लिए फिल्हाल तीन फिंगर प्रिंट डिटेक्शन कैमरे लिए जा रहे हैं। इन कैमरों की शुरुआत मेट्रो शहर से की जाएगी, लेकिन फिलहाल पुलिस मुख्यालय, भोपाल और इंदौर में इस कैमरे से काम किया जाएगा।
कैमरें की खासियत
अपराध से जुडे मामलों का खुलासा करने के लिए फिंगर प्रिंट डिटेक्शन कैमरे से सटीक और बेहतर परिणाम सामने आएंगे। इस कैमरे से भी उंगलियों के निशानों को कैमरा कैद कर लेगा और किसी भी तरह के पाउडर के इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अभी इन उपकरणों से होता है काम
पेचीदा मामलों में उंगलियों के निशान से खुलासा करने केलिए पुलिस की फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की टीम के पास तमाम उपकरण है। पुलिस पूरे प्रदेश में पॉलीरे, फिंगरप्रिंट किट, मैगनेटिंक पाउडर व अन्य पाउडर के अलावा ब्रुश की मदद से आरोपियों की उंगलियों से निशान खोज पाती है। इससे कई बार अपराध स्थल पर फिंगर प्रिंट या तो नहीं मिलते या फिर इतने अस्पष्ट होते हैं कि मिलान नहीं हो पाता।