नई दिल्ली, दुनिया में विटमिन-डी की कमी से 50 फीसदी आबादी जूझ रही है। बता दें कि धूप से मिलने वाला एक ऐसा विटमिन है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। दुनिया में ज्यादातर लोग इस विटमिन की पूर्ति के लिए सूर्य पर ही निर्भर हैं। यह हमारे शरीर में एनर्जी बूस्टर की तरह काम करता है। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने के दौरान पराबैंगनी बी फोटॉन त्वचा में प्रवेश करते हैं और 7 डी-डिहाइड्रोकोलेस्ट्रोल को प्रीविटमिन डी 3 में कंवर्ट करते हैं। यह विटामिन डी 3 शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। हालांकि हम अपनी जरूरत का ज्यादातर विटमिन डी सनलाइट से प्राप्त करते हैं। लेकिन त्वचा की रंगत बनाए रखने के लिए सनस्क्रीन का यूज करना, धूप में बिल्कुल ना निकलना और ऐंटिएजिंग क्रीम्स का उपयोग करना प्रीविटमिन डी 3 के संश्लेषण को प्रभावित करता है और इस विटमिन का यह रूप हमारे शरीर में ऊर्जा और गर्माहट को बनाए रखने का काम करता है। विटमिन डी की कमी को दूर करने के लिए कई उपाय किए जाने की जरूरत है। हालांकि पिछले दिनों हुई कई स्टडी में सामने आई है कि दुनिया की करीब 50 प्रतिशत आबादी विटमिन डी की कमी से जूझ रही है। इसकी एक बड़ी वजह हमारे भोजन में विटमिन डी युक्त खाद्य पदार्थों की कमी होना भी शामिल है। बताया गया कि विटमिन डी की कमी के चलते बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। साथ ही उनके दिमाग का विकास प्रभावित होता है। वहीं वयस्को में इस कमी के चलते ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या हो जाती है। इसके साथ ही शरीर में विटमिन डी की कमी अन्य गंभीर परिणामों के साथ महामारी से जुड़ी हुई है, जिसमें कैंसर, हर्ट इश्यूज, इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। इसलिए विटमिन डी की कमी से बचने के लिए जरूरी है कि हम धूप में कुछ देर निकलने के साथ ही अपने खान-पान में उन खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं, जिनसे विटमिन डी प्राप्त होता है। इनमें सोया मिल्क, सोया, दूध, दही, एग का यलो पार्ट, कॉड लिवर ऑइल और ऑरेंज जैसी चीजें शामिल करना चाहिए हैं।