एमपी में अगले साल रिटायर होंगे 12 हजार कर्मचारी, सरकार को देने होंगे 3 हजार 600 करोड़

भोपाल,डेढ़ साल की राहत के बाद प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों का अप्रैल 2020 से सेवानिवृत्ति का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो जाएगा। जब प्रदेश में सरकारी कर्मचारी-अधिकारी ही नहीं बचेंगे तो स्वभाविक सरकारी कामकाज की ऊपर से नीचे तक लडख़ड़ा ही जाएगी। वजह वर्ष 2020 के बाद प्रदेश में हजारों अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं और न नई भर्तियां हो रही हैं और न पदोन्नतियां। प्रदेश में अगले साल 12 हजार से ज्यादा कर्मचारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। बताते हैं कि इससे राज्य मंत्रालय सहित प्रदेश के तमाम प्रमुख कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो जाएगा। सेवानिवृत्त होने वालों में शीर्षस्थ कर्मचारियों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है। जिनकी जिम्मेदारी अधीनस्थ कर्मचारियों को नहीं सौंपी जा सकती है। इसे देखते हए सरकार ने एक बार फिर सेवानिवृत्ति आयु सीमा को ही बढ़ाने पर विचार शुरू कर दिया है। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 भी की जा सकती है। वहीं, 12 हजार से अधिक कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 3600 करोड़ रुपए से ज्यादा का अतिरिक्त का भार सरकारी खजाने पर पड़ेगा।
राज्यमंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द भर्ती और पदोन्नति प्रक्रिया शुरू नहीं की तो आने वाले सालों में कर्मचारी-अधिकारियों की कमी होने से सरकारी कामकाज बुरी तरह से प्रभावित होगा। अप्रैल-20 से सेवानिवृत्ति से तेजी से कर्मचारियों की संख्या कम होगी। जिससे सरकारी कामकाज में दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। खासकर मंत्रालय और विभाग प्रमुख कार्यालय में इसका असर देखने को मिलेगा। पांच माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी पदोन्नति का लाभ लिए बगैर ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सरकार ने पदोन्नति के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने की कोशिशें जरूर की हैं। कर्मचारियों का सशर्त पदोन्नति देने की अपील सुप्रीम कोर्ट भेजी गई है, लेकिन अभी अपील मंजूर नहीं हुई है।
गए साल बढ़ाई गई रिटायरमेंट की उम्र
अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से खड़ी होने वाली परेशानियों को देखते हुए शिवराज सरकार ने मार्च 2018 में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 साल कर दी थी। इस कारण पिछले डेढ़ साल से राहत थी। इस अवधि में प्रदेश में एक भी कर्मचारी सेवानिवृत्त नहीं हुआ, लेकिन 31 मार्च 2020 को यह अवधि पूरी हो रही है।
होगा कामकाज प्रभावित
राज्य सरकार ने अगले साल बनने वाली इस स्थिति से निपटने की तैयारी अब तक शुरू नहीं की है। न तो प्रदेश में पदोन्नति शुरू हो पाई है और न ही नई भर्तियां हो सकी हैं। ऐसे में कामकाज प्रभावित होना स्वभाविक है। प्रदेश में 4.62 लाख कर्मचारी और इसी साल नियमित किए गए 1.78 लाख अध्यापक शामिल हैं। प्रदेश में नई भर्तियां हो नहीं रही हैं और पदोन्नति पर रोक लगी है। इससे आने वाले सालों में होगा कर्मचारियों का संकट, तथा सरकारी कामकाज प्रभावित होगा।
सरकार ने नई भर्तियां नहीं की शुरू
राज्य सरकार ने अगले साल बनने वाली इस स्थिति से निपटने की तैयारी अब तक शुरू नहीं की है। न तो प्रदेश में पदोन्नति शुरू हो पाई है और न ही नई भर्तियां हो सकी हैं। ऐसे में कामकाज प्रभावित होना स्वभाविक है। प्रदेश में 4.62 लाख कर्मचारी और इसी साल नियमित किए गए 1.78 लाख अध्यापक शामिल हैं। प्रदेश में नई भर्तियां हो नहीं रही हैं और पदोन्नति पर रोक लगी है।

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