जयपुर,प्रदेश में दो दिन से महाराष्ट्र कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की आवभगत में सरकार ने दिन रात एक कर दिए है तो दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम ने मुख्यमंत्री गहलोत के गृहजिले के ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा के पिता गहलोत सरकार की दूसरी सरकार में पीएचडी मंत्री रहे महिपाल मदेरणा के निवास ओसियां गांव पहुंचकर बंद कमरे में गुफ्तगूं कर तथाकथित मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रही राजनैतिक उठापठक को हवा दे दी।
ज्ञात रहे कि महिपाल मदेरणा राजस्थान में बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड में जेल काट रहे है तीन चार दिन की पैरोल पर छूटे मदेरणा परिवार और तथाकथित जाट समाज मान रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजनैतिक धोबी पछाड़ दावपेच के कारण जाट समाज को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिल सका यहां यह भी स्पष्ट है कि महिपाल मदेरणा के पिता परसराम मदेरणा राजस्थान के जाट समाज में जाना पहचाना चेहरा माना जाता था अकथित अपुष्ट खबरों के मुताबिक उक्त पुरानी अदावत और मुख्यमंत्री की दूसरी सरकार के दौरान से ही सजा काट रहे महिपाल मदेरणा का परिवार मान रहा है कि तत्कालीन गहलोत सरकार ने उनकी उक्त मामले में कोई मदद नहीं की है हालांकि कानूनी मामलों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सदा से ही आदत रही है कि कानून को खुला छोड़ा जायें और जनसेवा की कसौटी पर सरकार को खरा उतारा जाएं महाराष्ट्र के संकट के बीच डिप्टी सीएम पायलट का महिपाल मदेरणा से बंद कमरे में मुलाकात करना सवाल जरूर छोड़ रहा है हालांकि पत्रकारों के सवाल राजनैतिक नियुक्तियों पर पायलट खुलकर बोले और कहा कि अगले माह तक नियुक्तियों को हरी झडी मिल सकेगी पर जब किसी पत्रकार ने मुख्यमंत्री का चेहरा कब बदला जायेगा का सवाल दागा तो उनहोन इसे मजाकिया अंदाज देते हुए यह फायर कहां से आ गई पार्टी नीतिगत के तहत किस कार्यकर्ता को कौन सी जिम्मेदारी कब दी जायेगी यह फैसला पार्टी आलाकमान का होता है कहकर जवाब से पीछा छुड़ा लिया। पायलट ने महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित विधायकों का ख्याल पार्टी को रखना चाहिए पर कहा कि अतिथियों का स्वागत सत्कार करने का काम सरकार का है सो सरकार पार्टीहित में जो करना है कर रही है।