दिग्विजय का शिवराज को पत्र कहा केन्द्र से सहायता राशि दिलाओ

भोपाल, केन्द्र सरकार से सहायता के लिए मध्यप्रदेश के भाजपा सांसदों को पत्र लिखने के बाद अब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखकर आग्रह किया है कि भारी बारिश के बाद प्रदेश के किसानों एवं अन्य को हुए नुकसान के लिए केन्द्रीय सहायता दिलाने में मदद करें।
श्री सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष अत्याधिक वर्षा हुई है अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न हालातों से निपटने के लिए म.प्र. सरकार नें त्वरित कदम उठाकर प्रदेश के नागरिकों को राहत पंहुचाई है। लेकिन मुझे यह कहते हुए दु:ख हो रहा है कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए दी जाने वाली राशि में केन्द्र सरकार ने अपना हिस्सा 90 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया है।
यही नहीं बल्कि केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश के किसानों के भावान्तर के 1017 करोड़ रुपये, गेहूं खरीदी में समर्थन मूल्य के 1500 करोड़ रुपये भी केन्द्र सरकार ने रोक रखे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत (प्रदेश की लगभग 2000 योजनाओं में) 1400 गांव के 5 लाख परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 1196 करोड़ रुपए की निर्धारित राशि में से मध्यप्रदेश के हिस्से की 598 करोड़ रुपए की केन्द्रीय राशि नहीं दी जा रही है।
इसी प्रकार मध्य प्रदेश की सड़कों के निर्माण और उन्नयन के लिए सेंट्रल रोड फंड के 498 करोड़ रुपए भी केन्द्र सरकार नहीं दे रही है। केन्द्र सरकार ने भेदभाव पूर्ण नीति अपनाते हुए एनडीए और भाजपा शासित कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों को सहायता राशि प्रदान कर दी है। लेकिन मध्य प्रदेश को अब तक मदद का इंतजार है। केन्द्रीय अध्ययन दल ने क्षति के आंकलन के तहत राष्ट्रीय राहत कोष से 6621.28 करोड़ रुपये और अधोसंरचना पुनर्निमाण के लिए 2258.88 करोड़ रुपये की राशि तत्काल उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है जो कि अभी तक केन्द्र सरकार से प्राप्त नहीं हुई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से समुचित प्रबंध किये गये हैं लेकिन केंन्द्र द्वारा सौतेला व्यवहार करते हुंए राज्य का हिस्सा नहीं दिया जा रहा है।
अत: केन्द्र सरकार उसके साथ सौतेला व्यवहार बंद करे और आपदा प्रबंधन सहित विकास के कार्यों के लिए उसके हिस्से की राशि उसे दे।

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