आबकारी अधिकारी के परिजनों के नाम निकले दर्जनो खाते, दस लाख पाल रखा था विदेशी नस्ल का कुत्ता

भोपाल, मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप के सनसनीखेज मामले के बाद एक और हडंकप मचा देने वाला ख़ुलासा हो सकता है। सुत्रो की मानी जाये तो इसकी चपेट मे प्रदेश के कई नेता सहित आईएएस, आईपीएस अफसर आ सकते हैं। ये खु़लासा प्रदेश के असिस्टेंट कमिश्नर आबकारी आलोक खरे की डायरी की छानबीन के बाद सामने आ सकता है। सुत्रो का कहना है की लोकायुक्त पुलिस ने छापे के दौरान खरे के घर से एक डायरी ज़ब्त की है, बताया जा रहा है उसमें कई बड़े नेताओं और अफसरों के नाम और हिसाब-किताब दर्ज है। अंदरुनी सुत्रो की मानी जाये तो लोकायुक्त पुलिस ने मध्य प्रदेश के असिस्टेंट कमिश्नर आबकारी, आलोक खरे के ठिकानों पर छापे के दौरान एक डायरी भी ज़ब्त की है। खरे के भोपाल के बंगले से ये डायरी मिली है, जिसमें करोड़ों के लेन का हिसाब किताब लिखा है। ओर इसमें कई बड़े नेताओं और आला अफसरों के नाम हैं, जिसका खुलासा होने पर कई सफेदपोशो के साथ ही बड़े चेहरे बेनकाब हों सकते है, क्योंकि आलोक खरे को नेताओं और आईएएस अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था, ओर उन्हीं के दम पर वो दूसरे अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग तक कराता था। चर्चा है की इंदौर में पोस्टिंग रहने के बावजूद उसकी भोपाल में मंत्रालय के अधिकारियों पर खासी पकड़ थी। यही कारण था कि जब लोकायुक्त की टीम उसके इंदौर ऑफिस पहुंची तो पता चला वो बिना सूचना के ही गायब था, न उसने छुट्टी ली थी, न ही मुख्यालय छोड़ने की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी। साथ ही यह भी जानकारी है की वो भोपाल में बैठकर इंदौर ऑफिस चलाता था। वही एक ओर हैरानी वाली बात ये भी सामने आई है कि करोडो की काली कमाई उगाने मे लगे आलोक खरे धार से हटाए गए असि कमिश्नर संजीव दुबे की जांच कर रहे थे। संजीव दुबे का धार के विधायकों के साथ पैसे के लेन देन का ऑडियो वायरल हुआ था, उसके बाद संजीव दुबे को धार से हटाकर इंदौर उड़नदस्ता में पदस्थ किया गया था, ओर आलोक खरे को मामले की जांच सौंपी गई थी। गोरतलब है की आलोक खरे ने 1996 में नौकरी ज्वाइन की थी। अब उनकी सैलरी करीब 1 लाख रुपए महीने है। 23 साल की नौकरी में उनकी कुल कमाई करीब ढाई करोड़ रुपए होती है, लेकिन इस दौरान उन्होने करोडो रुपए काली कमाई कर कमा लिए। आबकारी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर आलोक खरे खरे के भोपाल स्थित मकान पर लोकायुक्त पुलिस ने सारी रात तलाशी ली, इसमें करीब 1 करोड़ का कीमती सामान मिला है। वही खबर लिखे जाने तक मिली जानकारी के अनुसार अब तक की कार्रवाई में खरे की देढ सौ करोड़ की बेनामी संपत्ति का ख़ुलासा हो चुका है। लोकायुक्त पुलिस खरे को लेकर इंदौर गई यहां की पॉश सोसायटी स्थित उनके फ्लैट की तलाशी की तैयारी है। जानकारी के अनुसार आलोक खरे का इंदौर के सबसे महंगे इलाके ग्रांड एक्सजोटिका हाइट्स में फ्लैट है। लोकायुक्त पुलिस को यहां मंगलवार को ताला लगा मिला था। फ्लैट के बाहर चार पांच दिन के अखबार पड़े हुए थे, लोकायुक्त की टीम ने गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया था। लोकायुक्त के अफसरों ने फ्लैट की चाभी मंगवाई थी, जिसके बाद बुधवार को टीम इस फ्लैट की तलाशी लेने पहुची, इसी के साथ बेनामी संपत्ति का आंकड़ा और बढ़ सकता है। जानकारी के अनुसार आलोक खरे के भोपाल के मकान पर लोकायुक्त ने पूरी रात सर्चिंग की. यहां 1 करोड़ कीमत के 221 बेशकीमती सामान मिले है, वही लोकायुक्त टीम को आलोक खरे के परिवार के नाम पर बहूत से बैंक खातो की जानकारी हाथ लगी है। बताया जा रहा है की खरे के नाम पर 16 ओर उनकी पत्नि मीनाक्षी के नाम पर 22 बैक खाते मिले है। बताया जा रहा है की उनके कई शहरो मे बैंक खाते है। टीम ने सभी बैंको को पत्र लिखकर कहा है की खरे के सभी बैंक अकाउंट को सीज कर दिया जाये, उनकी जांच आगे की जाएगी। बताया गया है की इंदौर में वो उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने अपने ऑफिस में बैठने के लिए 85 हजार की कुर्सी मंगाई थी। खरे ने अपनी नौकरी का अधिकतर समय मालवा निमाड़ इलाके में ही निकाला वो खरगोन, रतलाम, धार और इंदौर जिलों में रहे, इसी दौरान उन्होंने अरबों रुपए की काली कमाई की। आबकारी विभाग के सहायक आय़ुक्त आलोक खरे की धार और रतलाम पोस्टिंग के दौरान भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं थीं, बीजेपी नेता विक्रम वर्मा की पत्नी और धार विधायक नीना वर्मा ने भी खरे की शिकायत की थी। वही इस मामले मे नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एमपी सरकार से मांग की है, कि केन्द्र सरकार की तरह वो भी भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करे। उन्होने आगे कहा की ये अफसर धन पशु हैं, ये जनता की गाड़ी मेहनत से कमाया पैसा है, ऐसे अधिकारियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए। अधिकारियो की जांच मे सामने आया हे की पदस्थ होने से अभी तक वेतन से उसकी आय 90 लाख रुपये होती है, जबकि सहायक आबाकरी अधिकारी की करोडो की है। पूरे मामले मे कुमार खरे पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है, ओर इसके लिए विभाग को लोकायुक्त की रिपोर्ट का इंतजार है, रिपोर्ट मिलने के बाद निलंबन की कार्रवाई की जाना तय है। वही आबकारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा है की जो भी गलती करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। शिंकजे मे आये आलोक खरे रईसो की तरह अपनी लाईफस्टाईल मेंटेन रखने के शौकीन थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की उनके पास विदेशी डुडल नस्ल का कुता पला हुआ था, जिसकी कीमत दस लाख रुपये बताई गई है, इतना ही नही उनकी घडी की कीमत भी लाखो रुपये है, जिसमे ब्लू डांयमंड जडे हुए थे।

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