पमरे की प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई, रेल अस्पतालों में जरूरी दवाओं का टोटा

जबलपुर, पमरे की प्रशासनिक व्यवस्था पिछले दिनो से चरमरा गई है। यह स्थिति पमरे के तीनो मंडलो , कोटा, भोपाल, जबलपुर की है। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय चिकित्सालय जबलपुर समेत भोपाल, कोटा के रेल अस्पतालो में अति आवश्यक दवाओ का स्टॉक खत्म हो गया है, बीमार रेल कर्मचारी व उनके परिवार जन दवाओ के आभाव में परेशान हो रहे है। अस्पतालो में रैबीज के इंजेक्शनों का अभाव है ऐसे में कुत्तो के अलावा जहरीले जन्तुओ के काटने पर रेल अस्पतालों में दवाइयो का टोटा होने से त्वरित एवं कारगार इलाज नही मिल पा रहा है एवं मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है। सबसे बुरे हालात भोपाल रेल चिकित्सालय के है, जहां बीमार रेल कर्मी को भारी पीड़ा उठानी पड़ रही है। श्री शर्मा ने आगे बताया कि रेल कर्मियो टिकिट चेकिंग स्टॉफ , हेल्पर , टेक्निशीयन आदि के बाहर ड्यूटी करने पर उनके टीए के बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है, जिससे सेकड़ो रेल कर्मचारियों के हजारों के बिल अटक गये। रेल प्रशासन इसके पीछे फंड की कमी का हवाला दे रहा है। अमूमन इस प्रकार की स्थिति माह जनवरी-फरवरी में आती हैं। जब बजट न होने के कारण रेल कर्मचारियों के बिल्स एवं भत्ते आदि रोके जाते है। रेल मजदूर संघ ने रेल प्रशासन से व्यवस्थाओ को दुरूस्त करने की मांग करते हुए आंदोलनात्मक कार्यवाही करने की चेतना देते हुए प्रषासन को आगाह किया हैं कि अत्यवाश्यक सेवाओ हेतु शीघ्र ही बजट का प्रावधान किया जावें।

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