देश की सबसे बुजुर्ग भालू गुलाबो में आये साधु-संतों जैसे गुण

भोपाल, साधु-संतों को संयमित दिनचर्या के लिए जाना जाता है। उनका हर काम एक नियत समय पर होता है। लोगों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे संतों की दिनचर्या को अपनाएं। मगर भोपाल में देश की सबसे बुजुर्ग भालू गुलाबो ने साधु-संतों जैसी दिनचर्या अपना ली है। बताते हैं कि गुलाबो को तय समय पर भोजन नहीं मिले तो वह दिनभर कुछ नहीं खाती। वैसे गुलाबो को शहद के अलावा खाने में दलिया, तरबूज और खजूर बेहद पसंद है। उसे दिन में 11 बजे खाना खाना पसंद है। अगर इस टाइम पर खाना नहीं मिलता तो वह अपनी गुफा में चली जाती है और दिनभर नहीं निकलती।

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