भोपाल,प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन ने राहत और बचाव के कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। इसके कारण किसी प्रकार की जन- हानि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुन: बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से संपर्क कर बाढ़ की स्थिति और लोगों की सुरक्षा के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि हर हाल में बाढ़ से लोगों की रक्षा की जाए और फसलों तथा अन्य की हानि का शीघ्र से शीघ्र आकलन करें, ताकि किसानों को समय पर मुआवजा दिया जा सके।
बारिश में 5000 किमी सड़कें उखड़ीं, मरम्मत पर खर्च होंगे डेढ़ हजार करोड़
भारी बारिश में प्रदेश की सड़कों ने दम तोड़ दिया है। शहरों से लेकर गांवों तक जगह-जगह सड़कों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। इन सड़कों पर हादसों की आशंका बढ़ गई है। टूटी हुई सड़कें आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकार के लिए भी मुसीबत बन गई हैं। बारिश में प्रदेश में करीब 5000 किमी लंबी सड़कें बर्बाद हो गई हैं। इनमें लोक निर्माण विभाग और एमपीआरडीसी की सड़कें शामिल हैं। इनकी मरम्मत और पेंच वर्क पर करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रदेश में पीडल्यूडी की सड़कों की कुल लंबाई 47 हजार 780 किमी और एमपीआरडीसी की सड़कों की कुल लंबाई 11 हजार किमी है। सड़कों की मरम्मत पर डेढ़ हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
भोपाल जोन में सबसे ज्यादा सड़कें खराब
प्रदेश में बारिश से भोपाल जोन में सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। भोपाल में 1310 किमी लंबी सड़कें उाड़ गई हैं। इसके बाद इंदौर जोन में 568 किमी लंबी सड़कें टूट-फूट गई हैं। सागर जोन में सबसे कम 196 किमी लंबी सड़कें खराब हुई हैं। इसके अलावा नेशनल हाईवे की करीब 200 किमी लंबी सड़क पर भी बारिश में गड्ढे हो गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को भी नुकसान
इसके अलावा बारिश में मेजर डिस्ट्रिट रोड (एमडीआर) और ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों से जोडऩे वाली सड़कों का भी नुकसान हुआ है। बारिश के रुकने के बाद इनका पेंचवर्क किया जाएगा।