अगले माह से अस्तित्व में आ सकती है नई शिक्षा नीति, 21 को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के संग बैठक

नई दिल्ली, पिछले 5 साल से अस्तित्व में आने का इंतजार कर रही नई शिक्षा नीति को मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगले माह तक आ सकती है। इस पर आए दो लाख सुझावों का मंत्रालय अध्ययन कर रहा है और 21 सितंबर को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि सरकार के सौ दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन विभागों को काम पूरा करने के लिए 15 अक्तूबर तक का समय दिया है। अधिकारी ने कहा कि राज्यों की आपत्तियों को दूर करने के लिए 21 सितंबर को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। अक्तूबर 2015 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने देशभर में हुई करीब 2.75 लाख बैठकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार अपनी रिपोर्ट मई 2016 में मंत्रालय को सौंप दी थी।
पूर्व इसरो प्रमुख की अध्यक्षता में मसौदा
जुलाई 2016 में कैबिनेट फेरबदल में ईरानी की मानव संसाधन विकास मंत्रालय से विदाई हो गई और उनका स्थान प्रकाश जावड़ेकर ने लिया। जावड़ेकर ने सुब्रमण्यम की रिपोर्ट को महज एक इनपुट दस्तावेज बताते हुए नई शिक्षा नीति का मसौदा बनाने की जिम्मेदारी इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति को सौंप दी। इस समिति को लगातार विस्तार मिलता रहा और चुनाव होने तक इस समिति से रिपोर्ट नहीं ली गई। रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा नई सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पदभार संभालते ही उन्हें यह रिपोर्ट दे दी गई थी। अब उम्मीद की जा रही है कि देश को नई शिक्षा नीति मिल जाएगी।

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