एक-दूसरे का सुहाग बचाने दो महिलाएं एक- दूसरे के पति को देंगी किडनी और लिवर

रायपुर, न कोई रिश्ता और न कोई पहचान। अस्पताल में मिले दो लोग एक-दूसरे के लिए फरिश्ता बन गए। एक के पति को लीवर की जरूरत थी तो दूसरे को किडनी की। दोनों ही मरीजों के ब्लड ग्रुप पत्नियों से मैच नहीं कर रहे थे। सो, दिक्कत खड़ी हो गई। डॉक्टरों ने महिलाओं को सुझाया कि उनका ब्लड ग्रुप एक-दूसरे के पतियों के ब्लड ग्रुप से मैच करता है। यानी उनके अंग एक-दूसरे के पतियों को ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं।
फिर क्या था दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे का सुहाग बचाने का फैसला कर लिया। अंग प्रत्यारोपण के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की गई है। इससे पहले 2017 में कैलिफोर्निया में कडनी-लिवर का स्वैप ट्रांसप्लांट हो चुका है। ऑर्गन डोनेशन में हो रही खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खून के रिश्ते, करीबों के ही ऑर्गन डोनेशन की गाइड-लाइन बनाई है। दीपक और राजकुमार का अपनी तरह का पहला मामला है, इसलिए इसमें काफी कानूनी प्रक्रिया हुई। छत्तीसगढ़ स्टेट ऑर्थराइजेशन कमेटी (पं जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायपुर) ने एनओसी जारी की। तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को एनओसी दे दी।
शक्ति के पास गांव रंगजा के रहने वाले दीपक पेशे से कीटनाशक दवा कारोबारी हैं। 15 महीने पहले दीपक को बुखार आया। इसके बाद से लिवर का 65 फीसद हिस्सा काम नहीं कर रहा है। पत्नी बबिता लिवर डोनेट को तैयार थी, मगर ब्लड ग्रुप मैच नहीं हुआ। अब ट्रांसप्लांट के लिए किडनी की आवश्यकता वाले मरीज राजकुमार की पत्नी अर्चना इन्हें लिवर डोनेट करेंगी। श्याम नगर रायपुर निवासी राजकुमार की किडनी खराब हैं, राजकुमार की पत्नी अर्चना दुबे किडनी डोनेट करने को तैयार तो थी, मगर पति के ब्लड ग्रुप से उनका ब्लड ग्रुप मैच नहीं कर सका। अब बबिता अपनी किडनी उन्हें डोनेट कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *