एमपी में नहीं बढ़ाई जाएगी नेशनल पार्क व अभ्यारण्यों की फीस, सरकार ने वन विभाग का प्रस्ताव लौटाया

भोपाल, प्रदेश सरकार इस साल टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और अभयारण्यों की प्रवेश फीस नहीं बढ़ाएगी। राज्य सरकार ने फीस बढ़ाने संबंधी वन विभाग का प्रस्ताव लौटा दिया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय पर्यटन को बढ़ाने एवं विदेशियों को लुभाने के प्रयत्नके तौर पर लिया है। सरकार पर्यटकों के लिए पार्क एवं अभयारण्य नि:शुल्क खोलने पर भी विचार कर रही है। हालांकि ऐसा करने के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ेगा। कोर्ट की गाइडलाइन के तहत वर्तमान में पार्क में पर्यटकों को नि:शुल्क प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। वन विभाग प्रदेश के नेशनल पार्क और अभयारण्यों की प्रवेश फीस हर साल बढ़ाता है। इस साल भी प्रस्ताव तैयार हुआ है, जो सरकार की मंजूरी के बाद एक अक्टूबर से लागू किया जाना था, लेकिन प्रदेश में पर्यटन की संभावना तलाश रही सरकार ने इसे लौटा दिया है। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने साफ कहा है कि इस साल प्रवेश फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। सरकार पर्यटकों से प्रवेश फीस नहीं लेने पर भी विचार कर रही है। नेताओं और अफसरों का तर्क है कि ऐसा करने से संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे व्यापार और रोजगार भी बढ़ेगा।
सरकार नेशनल पार्क और अभयारण्यों की फीस खत्म करने पर विचार तो कर रही है, लेकिन इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। दरअसल, कोर्ट की गाइडलाइन है, जिसके तहत पार्कों में प्रवेश शुल्क लेना भी जरूरी है और उस राशि का उपयोग वन्यप्राणियों के लिए करना भी। इसलिए शुल्क खत्म करने का फैसला लेने से पहले सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर इसकी इजाजत लेनी होगी। सरकार ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में नेशनल पार्क और अभयारण्यों से सरकार को सालभर में करीब 27 करोड़ रुपए राजस्व मिलता है। यह राशि सरकार वन विभाग को देगी और पार्क के गेट सभी पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे, लेकिन ये तभी संभव है, जबकि सुप्रीम कोर्ट शुल्क माफ करने के लिए तैयार हो जाए।

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