बच्चों के स्मार्टफोन की लत को आजकल क्लीनिक में छुड़ाया जा रहा

न्यूयॉर्क,अमेरिका में किशोरों और बच्चों में स्मार्टफोन की लत इस कदर बढ़ गई है कि उसे छुड़ाने के लिए बाकायदा क्लीनिक खुल गए हैं। सिलिकॉन वैली में फेसबुक, ट्विटर, एप्पल और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के कैंपस के आसपास स्मार्टफोन की लत छुड़ाने वाले दर्जनों क्लिनिक खुले हैं। इनमें ऐसे युवाओं का इलाज होता है, जो दिन में 20 घंटे तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इस क्लीनिक में इलाज का खर्च भी किसी लक्जरी होटल सरीखा है। सैन फ्रांसिसको में खुले ऐसे ही एक क्लीनिक में 45 दिनों तक युवाओं का इलाज किया जाता है। यहां खर्च सेवाओं के आधार पर तय होता है। यहां एक रात गुजारने का खर्च करीब एक लाख रुपए तक हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक आईफोन 10 खरीदने के लिए जहां 65 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, वहीं इसकी लत छुड़ाने के लिए करीब 26 लाख रुपए लग रहे हैं। यह आईफोन की कीमत का 40 गुना अधिक है। इसके निदेशक डेनिएल कोवाक्स ने बताया कि इंटरनेट की लत के शिकार बच्चे पूरी-पूरी रात फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी साइटों पर गुजारते हैं। ऐसे बच्चे इंटरनेट कनेक्शन कटने पर नाराज हो जाते हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल छुप-छुप कर करते हैं और ऐसा करने के लिए झूठ बोलते हैं।
यहां इलाज के दौरान बच्चों से शारीरिक श्रम करवाया जाता है। उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना सिखाया जाता है। बच्चे सुबह सात बजे उठते हैं और सभी के साथ कॉफी पीते हैं। खास बात यह है कि इस तरह की क्लीनिक में मोबाइल फोन, लैपटॉप और टैबलेट ले जाने पर पाबंदी है। यहां कम्प्यूटर का इस्तेमाल शिक्षक और मनोचिकित्सक की देखरेख में सिर्फ क्लासरूम में होता है। क्लिनिक के निदेशक डेनिएल कोवाक्स कहते हैं कि अमेरिका में इंटरनेट की लत को आधिकारिक तौर पर बीमारी नहीं माना जाता है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया, चीन, इटली और जापान इसे बीमारी मानते हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया में इसका इलाज सरकारी अस्पतालों में होता है।

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