भोपाल, राज्य सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी परिवारों को गैर लाइसेंसी साहूकारों के कर्ज से मुक्ति देने के लिये अध्यादेश लायेगी। इस संबंध में आज यहाँ जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अध्यादेश के मुख्य प्रावधानों की जानकारी कलेक्टरों को दी गई।
कमल नाथ ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान सिर्फ बड़े जिलों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसे सभी जिलों में सघनता से चलायें। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधारों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। नई कार्य-संस्कृति विकसित करनी होगी। लापरवाही और ढिलाई प्रदेश के हित में नहीं है। इसलिये सोच बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम में जनता से जिलों के प्रशासन का फीडबैक मिलता रहता है। उन्होंने कहा कि जिलों में यह सुनिश्चित करें कि अधिकारी आम जनता के लिये उपलब्ध रहें। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और सभी जिला अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर निराकृत होने वाली शिकायतें हर हाल में जिला स्तर पर ही हल हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतों का निराकरण संतोषजनक होना चाहिए। नकारात्मक निराकरण से समस्याएँ फिर से सामने आ जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार के प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज करने पर ध्यान दें। बाढ़ पीड़ितों को राशि का भुगतान जल्दी करें।
आदिवासी परिवारों से जबर्दस्ती कर्ज वसूली पर रखें निगरानी
अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातीय परिवारों पर साहूकारी ऋण विमुक्ति अध्यादेश लाया जायेगा। इसके अनुसार 15 अगस्त 2019 तक जनजातीय बंधुओं पर साहूकारों के जितने कर्ज हैं सबसे उन्हें मुक्ति मिल जाएगी। उनकी गिरवी रखी सम्पत्ति भी उन्हें वापस मिल जाएगी। ऐसे परिवारों पर जो बकाया कर्ज है उसकी जबरन वसूली करने पर सजा और जुर्माना होगा। तीन साल की सजा होगी और एक लाख रूपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने जिलों के अनुसूचित क्षेत्रों में ऐसे जनजातीय परिवारों और साहूकारों पर नजर रखें। कोई भी साहूकार जबर्दस्ती कर्ज वसूली न कर पाये। ऐसे गैर लाइसेंसी साहूकारों की जानकारी भी मंगाई जा रही है।
दो पटवारी, नायब तहसीलदार, रेंज आफिसर निलंबित
मुख्यमंत्री ने कटनी के राजेश भास्कर, जबलपुर के जितेन्द्र सिसोदिया, भोपाल की श्रीमती पूजा सिलावट, रतलाम के शादाब खान, नरसिंहपुर के ब्रजेश पटेल, छिन्दवाड़ा के सौरभ कन्हारिया, उज्जैन के राम कुमार, भिंड के श्री वैष्णव बघेल, होशंगाबाद के अमर सिंह सराठे, दतिया के राम कुमार और टीकमगढ़ के श्री यज्ञ दत्त शर्मा के प्रकरणों का समाधान किया।