समझौता एक्सप्रेस 5 घंटे के देरी से पहुंची दिल्ली, परिजनों को देख मुसाफिरों की भर आईं आँखें

नई दिल्ली, जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने का प्रभाव गुरुवार को दोनों देशों के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस के मुसाफिरों को भी झेलना पड़ा। समझौता ऐक्सप्रेस करीब 5 घंटे की देरी से दिल्ली स्टेशन पहुंची। इस दौरान अपनों को देखकर कुछ लोगों की आंसू भी साफ नजर आ रहे थे। ट्रेन में 76 भारतीय और 41 पाकिस्तानी नागरिक थे। ज्ञात हो कि वाघा स्टेशन पर पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ट्रेन को आगे ले जाने से मना कर दिया था। ट्रेन जब करीब सुबह 8:15 पर दिल्ली स्टेशन पहुंची तो माहौल काफी भावुक था। परिजनों को देखकर कई लोगों की आंखों में आंसू भी आ गए थे। भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाली इस ट्रेन सर्विस को पाकिस्तान ने बंद कर दिया है। इस खबर पर कई लोगों ने दुख जताया है। मालूम हो कि पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने दोपहर में इस ट्रेन के परिचालन को अनिश्चितकाल के लिए रद्द करने की घोषणा कर डाली, लेकिन तब 100 से ज्यादा यात्री समझौता एक्सप्रेस से भारत आने के लिए लाहौर से वाघा बॉर्डर के लिए निकल चुके थे।
इस बीच ट्रेन के वाघा बॉर्डर पहुंचने पर उसके साथ आए पाकिस्तानी सिक्योरिटी गार्ड्स और क्रू मेंबर्स ने भारत में अपनी सुरक्षा को खतरा होने की आशंका जताते हुए ट्रेन को आगे अटारी तक ले जाने से मना कर दिया। इससे यात्रियों के बीच भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। भारतीय अथॉरिटीज की तरफ से पहले तो क्रू मेंबर्स को भरोसा दिलाने की कोशिशें की गई कि भारत में हालात बिल्कुल सामान्य हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है और अगर फिर भी उन्हें कोई खतरा लग रहा है, तो भारतीय अथॉरिटीज की तरफ से उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। मगर इसके बावजूद जब पाकिस्तानी क्रू ने ट्रेन को आगे ले जाने से इनकार कर दिया। भारत की तरफ से ट्रेन को वाघा बॉर्डर से अटारी बॉर्डर तक लाने के लिए अपना इंजन, क्रू मेंबर और सिक्योरिटी गार्ड्स भेजने पड़े। तब जाकर शाम पौने 5 बजे के करीब ट्रेन अटारी बॉर्डर पर पहुंच पाई। इसके बाद इमीग्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार करीब 1:30 बजे पर ट्रेन अटारी से दिल्ली से रवाना हुई।

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